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खूबसूरत महिला चिकित्सक के घर जाता था नीतेश , पति की हत्या करने का लगा था आरोप

ठेकेदार की हत्या के बाद फिर चर्चा में आया डा.डीपी सिंह मर्डर केस, कुछ माह पहले महिला चिकित्सक ने भी किया था सुसाइड

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Late Dr Shilpi Rajpoot

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वाराणसी. शिवपुर थाना क्षेत्र के तहसील में 30 सितम्बर को ठेकेदार नीतेश सिंह ही हत्या के बाद पुराने मामले फिर चर्चा में आ गये। सारनाथ थाना का हिस्ट्रीशीटर नीतेश सिंह उर्फ बबलू का नाम बनारस के डा.डीपी सिंह मर्डर केस में आया था। चिकित्सक की खूबसूतर पत्नी डा.शिल्पी राजपूत को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था। नीतेश का चिकित्सक के घर पर आना-जाना था।
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IMAGE CREDIT: Patrika

डा.डीपी सिंह को शहर को बड़ा चिकित्सक माना जाता था और उनकी पत्नी डा.शिल्पी राजपूत गाइकोलॉजिस्ट थी। डा.शिल्पी राजपूत बेहद सुन्दर थी और डा.डीपी सिंह हमेशा ही अपनी पत्नी पर शक करते थे। उस समय कहा जाता था कि डा.डीपी सिंह अपनी पत्नी को शारीरिक प्रताडऩा भी देते थे जिससे परेशान होकर डा.शिल्पी राजपूत अपने पति से मुक्ति चाहती थी। ठेकेदार नीतेश सिंह का उस समय डा.डीपी सिंह के घर पर आना-जाना था और उसका डा.शिल्पी से अच्छा संबंध था। चर्चा थी कि एक बार डा.शिल्पी राजपूत ने नितेश के सामने कह दिया था कि किसी तरह से भी वह अपने पति से छुटकारा पाना चाहती है उस समय ही नीतेश ने डा.डीपी सिंह के मर्डर की योजना बनायी थी। नीतेश सिंह उर्फ बबलू को लगा था कि डा.डीपी सिंह को रास्ते से हटाने के बाद उनकी जायदाद पर कब्जा कर लेगा। 13 सितम्बर 2007 को सुबह अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोली मार कर डा.डीपी सिंह का मर्डर कर दिया था इसके बाद कैंट पुलिस ने डा.शिल्पी राजपूत, नीतेश सिंह समेत पांच लोगों को आरोपी बनाया था उस समय इस मामले ने बहुत चर्चा बटोरी थी। हालांकि बाद में अदालती कार्रवाई में डा.शिल्पी राजपूत, नितेश समेत अन्य लोग बरी हो गये थे। इसके बाद साल भर पहले ही डा.शिल्पी राजपूत ने भी सुसाइड कर लिया था और अपने सुसाइड नोट में बेटे पर गंभीर आरोप लगाये थे।
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नीतेश के लिए पैसा ही सबकुछ था, किसी से भी कर लेता था दुश्मनी
सूत्रों की माने तो नीतेश शुरू से ही मनबढ़ था और पैसे के लिए वह किसी से भी दुश्मनी कर लेता था। नीतेश के इतने अधिक दुश्मन थे कि हत्या हो जाने के बाद भी परिजनों का पता नहीं चला कि इसके पीछे साजिश किसकी है और अज्ञात लोगों के खिलाफ शिवपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। नीतेश को बृजेश, मुख्तार अंसारी व एंव अन्य गैंग के लोगों से अच्छे संबंध थे। नीतेश की कई बसे चलती थी। बनारस से गाजीपुर व सोनभद्र चलने वाली इन बसो को कोई भी माफिया रोक नहीं पाता था।
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30 सितम्बर को तहसील परिसर में हुई थी नीतेश की हत्या
शिवपुर थाना क्षेत्र के तहसील परिसर में अज्ञात बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर ठेकेदार नीतेश को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद से पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। यह मामला इतना जटिल है कि जल्द खुलासा होने बहुत कठिन है।
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