डीजीपी ओपी सिंह ने नये व्यवस्था को लागू करने का निर्देश जारी कर दिया है। निर्देश में साफ लिखा है कि पुलिस थाने में थाना प्रभारी के अतिरिक्त अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक (प्रशासन), अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक (अपराध) व अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक (कानून व्यवस्था) की तैनाती की जायेगी। पदनाम से साफ हो जाता है जिस इंस्पेक्टर को जो प्रभार दिया जायेगा। वही काम वह करेगा। डीजीपी ने साफ कर दिया है कि चारों इंस्पेक्टर में जो सबसे वरिष्ठ होगा। उसे ही थाना प्रभारी बनाया जायेगा। इसके अतिरिक्त अन्य तीन इंस्पेक्टर अपने वरिष्ठ के निर्देशानुसार कार्य करेंगे। डीजीजी के नये आदेश से माना जा रहा है कि पुलिस अधिकारियों पर से क्राइम का बोझ कम होगा। साथ ही क्राइम कंट्रोल में भी आसानी होगी।
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यूपी पुलिस कर रही क्राइम कंट्रोल पर विशेष फोकस
सीएम योगी आदित्यनाथ के मंशानुसार यूपी पुलिस अब क्राइम कंट्रोल पर विशेष फोकस क रही है। इसके तहत पुलिस थाना में चार इंस्पेक्टर की तैनाती की गयी है। पहले थाना प्रभारी के जिम्मे वीवीआईपी ड्यूटी से लेकर क्राइम कंट्रोल, प्रशासन का काम, विवेचना आदि करना होता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसके चलते पुलिस को काम करने में आसानी होगी। पुलिसकर्मियों पर ड्यूटी का सबसे अधिक बोझ रहता है। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की ही बात की जाये तो यहां पर प्रतिदिन कई वीवीआईपी आते हैं जिसके चलते पुलिस को अपना मुख्य काम छोड़ कर वीवीआईपी ड्यूटी में लगना पड़ता है। इसके चलते विवेचना का काम लटक जाता है। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल पाता है इसलिए भी उन पर काम का अधिक दबाव रहता है लेकिन नयी व्यवस्था लागू होने से पुलिस को काम के बोझ से बड़ी राहत मिल सकती है।
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सीएम योगी आदित्यनाथ के मंशानुसार यूपी पुलिस अब क्राइम कंट्रोल पर विशेष फोकस क रही है। इसके तहत पुलिस थाना में चार इंस्पेक्टर की तैनाती की गयी है। पहले थाना प्रभारी के जिम्मे वीवीआईपी ड्यूटी से लेकर क्राइम कंट्रोल, प्रशासन का काम, विवेचना आदि करना होता था लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसके चलते पुलिस को काम करने में आसानी होगी। पुलिसकर्मियों पर ड्यूटी का सबसे अधिक बोझ रहता है। पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस की ही बात की जाये तो यहां पर प्रतिदिन कई वीवीआईपी आते हैं जिसके चलते पुलिस को अपना मुख्य काम छोड़ कर वीवीआईपी ड्यूटी में लगना पड़ता है। इसके चलते विवेचना का काम लटक जाता है। पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल पाता है इसलिए भी उन पर काम का अधिक दबाव रहता है लेकिन नयी व्यवस्था लागू होने से पुलिस को काम के बोझ से बड़ी राहत मिल सकती है।
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