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व्यासजी के तहखाने की छत पर नमाजियों की भीड़ पर आपत्ति, हिंदू पक्ष का कोर्ट में आवेदन

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी को लेकर हिंदू पक्ष ने एक और याचिका दाखिल की है। याचिका में तहखाने के ऊपर नमाजियों की संख्या पर आपत्ति जताई गई है। याचिका में कहा गया है कि तहखाने की छत कमजोर है। नमाजियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से नुकसान हो सकता है।

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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के श्रृंगार गौरी मामले से जुड़ी बड़ी खबर आई है। इस मामले से जुड़े वादी राम प्रसाद सिंह ने व्यासजी के तहखाने की मरम्मत और उसके ऊपरी छत पर नमाजियों की बढ़ती संख्या को लेकर डीएम रिसीवर को निर्देशित करने का आवेदन जिला जज की अदालत में दिया है। हिंदू पक्ष ने नमाजियों बढ़ती संख्या पर आपत्ति जताई गई है।

आवेदन में कहा गया है कि तहखाने की छत कमजोर है। ऐसे में नमाजियों की संख्या ज्यादा होने की वजह से नुकसान हो सकता है। कहा है कि तहखाने के ऊपरी हिस्से पर ज्यादा भीड़ न हो। याचिका श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन के सहयोगी वादमित्र की तरफ से दी गई है।

ज्ञानवापी मामले पर हिंदू पक्ष के वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि 'हमने वर्ष 2021 में मां श्रृंगार गौरी की ओर से याचिका दायर की थी। 31 जनवरी 2024 को जिला न्यायालय ने आदेश दिया कि प्रार्थना और पूजा फिर से शुरू की जा सकती है।' व्यासजी का तहखाना, जिसके रिसीवर डीएम हैं। जिला प्रशासन के अनुपालन में तहखाना में प्रार्थना और पूजा शुरू हो गई है, लेकिन चूंकि 'तहखाना' 500 साल से अधिक पुराना है, इसलिए इसकी दीवारें और छत नाजुक हैं।

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इसे देखते हुए हमने तहखाना पर किसी को भी अनुमति न दिए जाने की मांग की। लोग तहखाना की छत पर जाकर नमाज पढ़ते हैं, इससे गंभीर दुर्घटना हो सकती है। दूसरा कारण यह है कि यह हमारी आस्था का विषय है और हम ऐसा नहीं कर सकते। हम जिस स्थान पर पूजा करते हैं, उस स्थान पर लोगों की संख्या कम करें।