
Kashi Vishwanath Mandir
वाराणसी. साल का अंतिम सूर्यग्रहण २६ दिसम्बर को लग रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्यग्रहणक का प्रभाव मनुष्य के साथ देवताओं पर भी पड़ता है इसलिए ग्रहण के समय मंदिर का कपाट बंद कर दिया जाता है। ग्रहण खत्म होने के बाद ही मंदिर को भक्तों के लिए दर्शन के लिए खोला जाता है। सूर्यग्रहण के दिन काशी विश्वनाथ मंदिर का कपाट 26 दिसम्बर को सुबह छह बजे बंद हो जायेगा। इसके बाद 5.25 घंटे बाद 11.25 बजे के बाद खोला जायेगा।
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काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण लगने के 12 घंटे पहले सूतक लग जायेगा। सूतक काल 25 दिसम्बर को रात्रि 8 बजे कर 21 मिनट से आरंभ होगा। उन्होंने कहा कि 25 व 26 दिसम्बर को मंदिर में होने वाली नियमित आरती अपने समय पर होगी। सूर्यग्रहण के कारण २५ दिसम्बर को रात्रि श्रृंगार व भोग आरती, इसके बाद 26 दिसम्बर को मध्याह्न आरती में बाबा काशी विश्वनाथ को फलहार का भोग लगाया जायेगा।
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सूर्यग्रहण के बाद गंगा स्नान करने वालों की बढ़ जायेगी भीड़
बनारस में ग्रहण के समय बहुत लोग गंगा घाट पर पूजा करते हैं और ग्रहण के बाद गंगा स्नान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि गंगा स्नान करने से ग्रहण का असर खत्म हो जाता है। सूर्यग्रहण के दिन लोगों की गंगा घाट पर भीड़ जुटेगी और स्नान व दान करेंगे।
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Published on:
19 Dec 2019 03:53 pm
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