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मऊ ब्लास्ट में सामने आया चौकाने वाला खुलासा, 13 लोगों की गयी थी जान

सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने एटीएस को सौपी है जांच, जानिए क्या है नयी कहानी

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Mau cylinder blast

Mau cylinder blast

वाराणसी. मऊ के मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली के वालीदपुर के बिचलपुरा क्षेत्र में हुए ब्लास्ट से १३ लोगों की मौत प्रकरण में चौकाने वाली जानकारी सामने आयी है। जिला प्रशासन का दावा है कि गैस सिलेंडर में रिसाव के बाद स्वीच ऑन करने से यह हादसा हुआ है, जबकि हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के एरिया मैनेजर अंबरेश कुमार की माने से रसोई गैस के रिसाव और सिलेंडर फटने से इस तरह का हादसा नहीं हो सकता है। बयान से साफ हो जाता है कि सभी अधिकारी एक ही बात नहीं बोल रहे हैं जिससे ब्लास्ट को लेकर ऐसी और बाते हैं जिनका खुलासा होना बाकी है। एक खास बात और कि मकान के मलबे में सिलेंडर का टुकड़ा नहीं मिला है।
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एचपीसीएल के एरिया मैनेजर से औपचारिक रुप से बताया कि सिलिंडर रिसाव के बाद गैस अधिकतम पांच फीट उपर तक ही रह जाती है जबकि जिलाधिकारी ने कहा कि सिलेंडर से गैस रिसाव के बाद स्वीच ऑन करने से विस्फोट हुआ होगा। सिलेंडर से गैस इतनी निकल चुकी थी कि वह प्राकृतिक हवा के साथ मिल कर हल्की हो गयी होगी। इससे उसकी तीव्रता बढ़ गयी होगी। फिलहाल मऊ ब्लास्ट में नयी जानकारी आने के बाद से यह हादसा के कारणों पर संशय के बादल छा गये हैं।
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एटीएस को दी गयी है जांच की जिम्मेदारी
मऊ ब्लास्ट की जिम्मेदारी एटीएस को दी गयी है। इस तरह की घटना की जांच एटीएस को देना भी बड़ा सवाल खड़ा करता है एक तरफ जिला प्रशासन का दावा है कि सिलेंडर ब्लास्ट से दो मंजिला मकान जमीदोज हुआ था जिसमे 13 लोगों की मौत हो गयी थी और 22 लोग घायल हो गये थे। शासन का उद्देश्य एटीएस को लगाने के पीछे उन कारणों का पता करना है, जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ है। शासन यह पता करना चाहती है कि मकान में सिलेंडर से ही ब्लास्ट हुआ है या फिर वहा कुछ और होता था।
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सिलेंडर फटने पर पीडि़तों को मिलता है मुआवजा, बीमा कंपनी ने शुरू किया सर्वे
सिलेंडर फटने से किसी की मौत होती है या वह घायल हो जाता है तो पीडि़त या उसके परिजनों को मुआवजा दिया जाता है। बीमा कंपनी ने मऊ प्रकरण को लेकर सर्वे शुरू कर दिया है और सिलेंडर ब्लास्ट से मौत होने की पुष्टि हो जाती है तो लोगों को मुआवजा मिलेगा। एसपीसीएल गहनता से सारे मामले की जांच में जुटी है। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि गैस सिलेंडर की रि-फिलिंग के पहले तिमाही जांच की जाती है।
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सिलेंडर में हुआ था ब्लास्ट तो कहा गया उसका टुकड़ा
एक तरफ तो सिलेंडर ब्लास्ट का दावा किया जा रहा है तो दूसरी तरफ मलबे में अभी तक सिलेंडर के टुकड़े नहीं मिलने से जांच उलझ गयी है। सिलेंडर का टुकड़ा मलबे में खो गया है या फिर वहां नहीं है। बैंक अधिकारी का बयान व सिलेंडर का टुकड़ा अभी तक नहीं मिलना यह संकेत देता है कि जो दावा किया जा रहा है वह पुख्ता नहीं है।
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