देश में घटते रोजगार व अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के चलते पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार बैकफुट पर है। बीजेपी के ही वरिष्ठ नेताओं ने केन्द्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ हमला बोला हुआ है। इसके चलते देश में बीजेपी को लेकर माहौल ठीक नहीं है। यूपी की दो संसदीय सीट पर उपचुनाव होने हैं। गोरखपुर संसदीय सीट से सीएम योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दे चुके हैं और इस सीट पर उपचुनाव की तिथि जारी होनी है। गोरक्षापीठ से जुड़ा होने के चलते गोरखपुर संसदीय सीट पर सीएम योगी आदित्यनाथ का जादू चल सकता है, लेकिन फूलपुर संसदीय सीट की कहानी अलग है। देश की आजादी के बाद पहली बार वर्ष २०१४ में फूलपुर संसदीय सीट पर बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्या लाखों वोट के अंतर से चुनाव जीते थे। डिप्टी सीएम बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्या ने फूलपुर संसदीय सीट से इस्तीफा दे दिया है और इस सीट पर उपचुनाव होने वाला है। बीजेपी के जीत से पहले इस सीट पर सपा के प्रत्याशियों को विजय मिलती आयी है। अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा चुनाव लड़ेगी। बसपा व कांग्रेस से गठबंध नहीं होता है तो भी अखिलेश यादव को अपने पिता मुलायम सिंह यादव का साथ मिल जाता है तो सपा को रोकना कठिन हो जायेगा।
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अखिलेश यादव की बढ़ जायेगी ताकत
सपा के पांच अक्टूबर को होने वाले अधिकवेशन में भाग लेने के लिए पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को आमंत्रण भेजा गया है। चर्चा है कि मुलायम सिंह यादव इस अधिवेशन में भाग ले सकते हैं। मुलायम सिंह यादव ने जिस तरह से शिवपाल यादव को किनारे करते हुए नयी पार्टी नही बनायी है उससे साफ हो गया है कि मुलायम सिंह यादव का झुकाव अखिलेश यादव की तरफ बढ़ गया है। यूपी चुनाव २०१७ में सपा की करारी शिकस्त की दो वजह थी। पहली प्रमुख वजह पीएम मोदी की यूपी में चली लहर थी और दूसरी प्रमुख वजह मुलायम सिंह यादव को सपा से किनारे करना था। इसके चलते सपा में बिखराव हुआ और विरोधी दलों को लाभ मिल गया। अखिलेश यादव के साथ फिर से मुलायम सिंह यादव आ जाते हैं तो पार्टी को नयी ताकत मिलेगी। इन परिस्थितियों में फूलपुर संसदीय सीट में सपा ताकतवर हो जायेगी और बीजेपी को समाजवादी पार्टी के गढ़ में हराना कठिन होगा।
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सपा के पांच अक्टूबर को होने वाले अधिकवेशन में भाग लेने के लिए पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव को आमंत्रण भेजा गया है। चर्चा है कि मुलायम सिंह यादव इस अधिवेशन में भाग ले सकते हैं। मुलायम सिंह यादव ने जिस तरह से शिवपाल यादव को किनारे करते हुए नयी पार्टी नही बनायी है उससे साफ हो गया है कि मुलायम सिंह यादव का झुकाव अखिलेश यादव की तरफ बढ़ गया है। यूपी चुनाव २०१७ में सपा की करारी शिकस्त की दो वजह थी। पहली प्रमुख वजह पीएम मोदी की यूपी में चली लहर थी और दूसरी प्रमुख वजह मुलायम सिंह यादव को सपा से किनारे करना था। इसके चलते सपा में बिखराव हुआ और विरोधी दलों को लाभ मिल गया। अखिलेश यादव के साथ फिर से मुलायम सिंह यादव आ जाते हैं तो पार्टी को नयी ताकत मिलेगी। इन परिस्थितियों में फूलपुर संसदीय सीट में सपा ताकतवर हो जायेगी और बीजेपी को समाजवादी पार्टी के गढ़ में हराना कठिन होगा।
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