8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दो वर्षों में गंगा में नहीं गिरेगा शहर व उद्योगों का गंदा पानी

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा का पानी आचमन योग्य करने का लक्ष्य, पूर्व सरकार ने पैसा खर्च किया था लेकिन नहीं दिखा असर

2 min read
Google source verification
Union Minister Gajendra Singh Shekhawat

Union Minister Gajendra Singh Shekhawat

वाराणसी. आने वाले दो साल में गंगा में शहर व उद्योगों का गंदा पानी गंगा में नहीं गिरेगा। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मंगलवार को सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में कहा कि गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा के पानी को आचमन लायक बनाने का लक्ष्य रख कर काम किया जा रहा है। बनारस में तीन एसटीपी बनाये गये हैं, जिससे गंगा में गिरने वाले सारे गंदे नाले को रोका जा सकेगा।
यह भी पढ़े:-कैसे पूरा होगा NGT का आदेश, जुलाई तक लगाने हैं डेढ़ लाख पौधे

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि पीएम नरेन्द्र मोदी सरकार गंगा की निर्मलता व अविरलता को लेकर बेहद संवेदनशील है। वर्ष 2014 के पहले की सरकार ने भी गंगा सफाई के लिए लगभग चार हजार करोड़ रुपये खर्च किया था लेकिन उसका कही प्रभाव नहीं दिखायी पड़ा। उन्होंने कहा कि यूप के अतिरिक्त उत्तराखंड, बिहार व झारखंड में गंगा की सफाई के लिए हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट चलाये जा रहे हैं। यूपी में 87 प्रोजेक्ट पर लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं जबकि अन्य राज्यों के प्रोजेक्ट पर भी हजारों करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। यूपी में 87 में से 50 प्रोजेक्ट सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से जुड़े हुए हैं जिसमे से 15 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं। शेष अन्य प्रोजेक्ट पर भी जल्द ही काम पूरा हो जायेगा। उत्तराखंड व झारखंड के एसटीपी से जुड़े हुए प्रोजेक्ट इस साल तक पूरे हो जायेंगे। इसके बाद इन दोनों राज्यों में एक बूंद भी गंदा पानी बिना साफ किये हुए गंगा में नहीं गिरेगा।
यह भी पढ़े:-सीवर के गंदे पानी से ढह सकता है वरुणा कॉरीडोर का एक हिस्सा, अधिकारियों को परवाह नहीं

केन्द्रीय मंत्री ने किया दीनापुर एसटीपी का निरीक्षण
बनारस आने के बाद केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बारीकी के साथ दीनापुर एसटीपी का निरीक्षण किया। सर्किट हाउस में मीडिया को निरीक्षण की जानकारी देते हुए बताया कि एसटीपी में शोधन की क्षमता से आधा ही मलजल पहुंच रहा है। शोधन के बाद जो पानी वरुणा में छोड़ा जा रहा है वह मानक से भी अच्छा है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि प्लांट में ग्रीन एनर्जी का प्रयोग हो रहा है। प्लांट से निकलने वाले अपशिष्ट जैसे मीथेन आदि से ही वहां पर बिजली बनाने की तैयारी है। वर्तमान समय प्लांट में 2850 किलोवाट बिजली की खपत हो रही है। इस माह तक खपत की सारी बिजली इसी प्लांट के अपशिष्ट पदार्थ से तैयार होने लगेगी।
यह भी पढ़े:-प्रदेश के किसानों के लिए खुशखबरी, इस तिथि को सभी के खाते में पहुंच जायेंगे पैसे

गंगा की निर्मलता के साथ अविरलता भी जरूरी
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि गंगा की निर्मलता के साथ उसकी अविरलता भी जरूरी है। गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए पहला कदम उसकी अविरलता बरकरार रखना है यह तभी संभव होगा। जब गंगा की सहयाक नदी भी प्रदूषण से मुक्त होगी। इसके लिए भी तेजी से काम किया जा रहा है।
यह भी पढ़े:-नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने लगायी अधिकारियों को फटकार, कहा दूर की जाये पेयजल समस्या

गंगा में पानी कम होने पर घाट की सीढिय़ों की हो पायेगी मरम्मत
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि गंगा के २६ घाटों को ठीक किया जा रहा है। घाट की सीढिय़ा पानी में डूबी रहती है इसकी मरम्मत करने के लिए गंगा में पानी का कम होना जरूरी है। गंगा का जलस्तर घटने से उसका निर्माण तेजी से कराया जायेगा।
यह भी पढ़े:-बिहार में बुखार सेें बच्चों की हो रही मौतों पर केन्द्र सरकार गंभीर