अलवर जिले की प्रसिद्ध सिलीसेढ़ झील इन दिनों हजारों मगरमच्छों के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। सर्दियों के दौरान ये मगरमच्छ धूप सेकने के लिए झील से बाहर आ जाते हैं, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पहुंचते हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संख्या में मगरमच्छों की मौजूदगी के बावजूद झील में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं।
असामाजिक तत्वों द्वारा मगरमच्छों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं भी सामने आई हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि सिलीसेढ़ झील एक महत्वपूर्ण जैव विविधता स्थल है और यहां मौजूद वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाना बेहद जरूरी है। प्रशासन द्वारा उचित कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है ताकि सिलीसेढ़ झील और यहां के मगरमच्छों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यहां आने वाले परिवारों, खासकर बच्चों के लिए सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। झील के किनारों पर गिरने से संभावित दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। स्थानीय प्रशासन से मांग की जा रही है कि होमगार्ड की तैनाती की जाए और झील के किनारों पर तारबंदी की व्यवस्था की जाए ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके और मगरमच्छों को भी किसी प्रकार की हानि से बचाया जा सके।
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