अजमेर. पुष्कर में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। रविवार तडक़े से कार्तिक त्रयोदशी का स्नान (holy bath) शुरू हो गया। पवित्र सरोवर में श्रद्धालुओं (pilgrims) ने डुबकी लगाई। घाट के किनारे विशेष पूजा-अर्चना, दान-पुण्य का दौर जारी है। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद प्रजापिता ब्रह्मा (lord brahma), पुराने और नए रंगजी सहित विभिन्न मंदिर में दर्शन किए।
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कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पंचदिवसीय स्नान की खास महत्ता है। इसके चलते पुष्कर में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। रविवार तडक़े से महिलाएं, पुरुष और पुरोहित पुष्कर सरोवर पहुंच गए। उन्होंने यहां सरोवर में स्नान किया। लोग पुष्कर राज …,हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए सरोवर (pushkar sarovar) में डुबकी लगाने में जुटे हैं। स्नान के बाद सभी 52 घाटों पर पूजा अर्चना का दौर भी जारी है। इनमें विदेशी सैलानी (foreign toursit) भी शामिल हैं।
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ये है स्नान की महत्ता
पुष्कर सरोवर में स्नान की महत्ता भी है। पौराणिक व्याख्यान (mythology)के अनुसार कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक देवी.देवता भी पुष्कर सरोवर में स्नान (holy bath) करने आते हैं। लिहाजा इस दौरान स्नान करने से सुख.समृद्धिए ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति आरोग्य (good health) रहता है।
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प्रारंभ हुए शुभ कार्य
देव प्रबोधिनी एकादशी से शुभ कार्यों और वैवाहिक कार्यक्रमों (wedding ceremony) की शुरुआत हो चुकी है। चार महीने के बाद अजमेर सहित समूचे जिले में विवाह और अन्य कार्यक्रम हुए हैं। लोग शादियों-मकान के मुर्हू और अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। पारम्परिक मान्यता (tradition) के मुताबिक प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल दशमी तक देवशयन करते हैं। इस दौरान शुभ कार्यए विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं होते हैं। कार्तिक माह की देव प्रबोधिनी एकादशी से शुभ कार्यों की वापस शुरुआत होती है। कई लोगों ने तुलसी विवाह का आयोजन भी किया।
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