अजमेर.
पुष्कर में श्रद्धालुओं (pilgrims) का सैलाब उमडऩा जारी है। सोमवार तडक़े से कार्तिक चतुदर्शी का स्नान शुरू हो गया। पवित्र सरोवर (pushkar sarovar) में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। घाट के किनारे विशेष पूजा-अर्चना, दान-पुण्य का दौर जारी है। श्रद्धालुओं (holy dip) ने स्नान के बाद मंदिरों में दर्शन किए।
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कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक पंचदिवसीय स्नान (five day bath) की खास महत्ता है। इसके चलते पुष्कर में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। सोमवार को कार्तिक चतुदर्शी का स्नान हुआ। महिलाएं, पुरुष और पुरोहितों ने सरोवर में डुबकी लगाई। लोग हर-हर महादेव के जयकारे लगाते हुए स्नान में जुटे हैं। स्नान के बाद सभी 52 घाटों पर पूजा अर्चना (worship) का दौर भी शुरू हो गया। पुरोहितों ने लोगों को सरोवर में पूजन कराया।
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ये है स्नान की महत्ता
पुष्कर सरोवर में स्नान की महत्ता भी है। पौराणिक व्याख्यान (mythology) के अनुसार कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक देवी.देवता भी पुष्कर सरोवर (pushkar sarovar) में स्नान करने आते हैं। लिहाजा इस दौरान स्नान करने से सुख.समृद्धिए ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति आरोग्य (good health) रहता है।
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पूर्णिमा स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालु
कार्तिक पूर्णिमा का स्नान मंगलवार को हेागा। इसको लेकर देशभर से श्रद्धालुओं की आवक जारी है। कार्तिक पूर्णिमा पर ढाई से साढ़े तीन लाख श्रद्धालु (pilgrims) डुबकी लगाएंगे। इसको लेकर घाटों पर विशेष प्रबंध किए गए हैं। बाजारों में बेरीकेडिंग लगाई गई है।
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वैवाहिक कार्यक्रम जारी
चार महीने के बाद अजमेर सहित समूचे जिले में विवाह और अन्य कार्यक्रम शुरू हुए हैं। पारम्परिक मान्यता के मुताबिक प्रतिवर्ष आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल दशमी तक देवशयन करते हैं। इस दौरान शुभ कार्य, विवाह (marriages)और अन्य मांगलिक कार्यक्रम (programme) नहीं होते हैं। कार्तिक माह की देव प्रबोधिनी एकादशी से शुभ कार्यों की शुरुआत हो चुकी है। जिले में विवाह एवं शुभ कार्य जारी है। इसके अलावा कई लोग व्रत-उपवास कर रहे हैं। तुलसी विवाह का आयोजन भी किया गया है।
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