नागौर. जिले में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस पार हो रहा है। मौसम विभाग हीटवेव की चेतावनी जारी कर चुका है। पिछले दो दिन से जिले में उष्ण लहर चल रही है और आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ेगी। ऐसे में जिला मुख्यालय के जेएलएन राजकीय अस्पताल में भर्ती मरीज बेहाल हैं। अस्पताल के कई वार्डों में सेंट्रल कुलिंग सिस्टम (डक्टिंग) लगाया हुआ है, लेकिन वो भी अब तक चालू नहीं किया है। वहीं दूसरी तरफ इमरजेंसी सहित अन्य स्थानों पर लगे कूलर भी बंद पड़े हैं। हालांकि पीएमओ का कहना है कि कूलर ठीक करवाए जा रहे हैं, जबकि इमरजेंसी सहित कई जगह तो कूलर के नाम पर केवल ढांचा बचा है, उनमें न तो मोटरें हैं और न ही अन्य सामान, ऐसे में मरम्मत होने लायक कुछ बचा ही नहीं। पूरा कूलर ही नया लगाना पड़ेगा, जिसकी तैयारी अभी अस्पताल प्रशासन ने नहीं की है।
एक तरफ लू-तापघात का वार्ड तैयार, दूसरी तरफ गर्मी से मरीज परेशान
गौरतलब है कि जेएलएन अस्पताल में कुल 12 वार्ड हैं, जिनमें मेडिकल मेल-फिमेल, सर्जीकल मेल-फिमेल के साथ आईसीयू, जिरियाट्रिक वार्ड में बेड लगभग भरे रहते हैं। जेएलएन अस्पताल में रोजाना 1200 से 1300 की ओपीडी हो रही है, वहीं 40 से 50 मरीज भर्ती हो रहे हैं। तेज गर्मी व हीटवेव को देखते हुए अस्तपाल में लू-तापघात के मरीजों के लिए दो वार्ड तैयार किए गए हैं, लेकिन दूसरी तरफ अस्पताल में भर्ती मरीजों को गर्मी के ताप से बचाने के लिए अब तक कूलर चालू नहीं किए गए हैं।
जानिए, क्या कहते हैं मरीजों के परिजन
– अपनी बच्ची को लेकर जेएलएन अस्पताल पहुंचे रमेश मेघवाल ने बताया कि वार्ड में न तो कूलर चल रहे हैं और न ही सेंट्रल कुलिंग सिस्टम को चालू किया गया है, जिससे मरीजों को गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है।
– रिड़मलसर से आए राजू ने बताया कि वो दो दिन पहले अपने भाई का उपचार कराने के लिए जेएलएन अस्पताल आया, जहां उसे वार्ड में भर्ती कर लिया। वार्ड में कूलर नहीं नहीं चलने से पंखे गर्म हवा दे रहे हैं, इससे मरीज ठीक होने की बजाए और बीमार हो रहे हैं।
– अपने पिता को अस्पताल लेकर पहुंचे जितेन्द्र वैष्णव ने बताया कि वार्ड में न तो कूलर चल रहे हैं और न ही एग्जॉस्ट फैन, इससे वार्ड में भर्ती मरीज गर्मी से परेशान हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
ठीक करवा रहे हैं
अस्पताल में लगभग सभी एसी चालू करवा दी है। कूलर भी ठीक करवाने की प्रक्रिया चल रही है, कुछ चालू कर दिए हैं, जबकि कुछ कर रहे हैं। मरीजों को परेशान नहीं होने देंगे।
– डॉ. आरके अग्रवाल, पीएमओ, जेएलएन राजकीय अस्पताल, नागौर