
Lose Weight with the Non industrialised Diet
Non industrialised diet : आजकल की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में लोग प्रोसेस्ड फूड्स और अत्यधिक शर्करा वाले आहार की ओर बढ़ते जा रहे हैं, जिससे मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। हालांकि, एक नया आहार जिसमें पारंपरिक खाने की आदतों को पुनः अपनाया गया है, न सिर्फ वजन कम (Lose Weight) करने में मदद कर सकता है, बल्कि पुरानी बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकता है।
"NiMe" (Non-industrialised Microbiome Restore) डाइट का उद्देश्य उन पारंपरिक समाजों की खाने की आदतों को अपनाना है, जो औद्योगिकीकरण से पहले के समय में बसा करते थे। यह आहार मुख्य रूप से पौधों पर आधारित होता है, हालांकि यह शाकाहारी नहीं है। इसमें अधिकतर सब्जियां, फलियां और अन्य संपूर्ण पौधों से बने खाद्य पदार्थ होते हैं। इसमें हर दिन एक छोटी मात्रा में पशु प्रोटीन जैसे सामन, चिकन या सूअर का मांस शामिल होता है, लेकिन इसमें डेयरी, गोमांस और गेहूं नहीं होते।
यह आहार ना सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है, बल्कि यह आंत के माइक्रोबायोम को भी सही करता है। एक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में यह देखा गया कि NiMe डाइट ने L. reuteri नामक लाभकारी बैक्टीरिया की उपस्थिति को बढ़ावा दिया, जो पारंपरिक खाने की आदतों वाले लोगों की आंत में पाया जाता है।
इस आहार के तीन हफ्तों के अध्ययन में पाया गया कि यह डाइट वजन (Lose Weight) कम करने में मदद करती है, खराब कोलेस्ट्रॉल को 17 प्रतिशत तक कम कर देती है, रक्त शर्करा को 6 प्रतिशत तक घटाती है और शरीर में सूजन और हृदय रोग के संकेतक C-reactive Protein को 14 प्रतिशत तक कम कर देती है।
NiMe डाइट का एक और प्रमुख लाभ यह है कि यह सूजन को कम करती है और आंत के माइक्रोबायोम के नकारात्मक प्रभावों को ठीक करती है, जो औद्योगिकीकरण से उत्पन्न हुए हैं। इस डाइट के माध्यम से प्रो-इंफ्लेमेटरी बैक्टीरिया और उन बैक्टीरिया के जीन को भी घटाया गया, जो आंत की बलगम पर हमला करते हैं।
अनोखी बात यह है कि इस डाइट के पालन से कैलोरी का सेवन कम नहीं किया गया, फिर भी प्रतिभागियों ने वजन घटाया। इसका अर्थ है कि यह आहार न केवल ऊर्जा का सही स्रोत प्रदान करता है, बल्कि शरीर के सूजन और चयापचय प्रक्रियाओं को भी सुधारता है।
NiMe डाइट यह साबित करती है कि सही आहार से माइक्रोबायोम पर प्रभाव डालकर स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। इससे वजन घटाना और पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करना संभव हो सकता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका स्वास्थ्य बेहतर हो, तो इस डाइट को अपनी जीवनशैली में अपनाकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
यह आहार बदलाव के जरिए दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने का एक प्राकृतिक तरीका है, और यह दिखाता है कि पारंपरिक खाने की आदतों में कैसे सुधार किया जा सकता है।
अस्वीकरण: यह सामग्री और इसमें दी गई सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी योग्य चिकित्सकीय सलाह का स्थान नहीं लेती। हमेशा अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श करें। patrika.com इस जानकारी के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।
Published on:
24 Jan 2025 12:25 pm
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