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जब आधी रात ज़मीन काँपी और मलबे में दब गए सपने: अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप की दिल दहलाने वाली तबाही

Afghanistan Earthquake 2025: अफ़ग़ानिस्तान के कुनार प्रांत में आधी रात को आए विनाशकारी भूकंप ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली और हज़ारों को घायल कर दिया।

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भारत

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MI Zahir

Sep 01, 2025

Afghanistan Earthquake 2025 UN Team

अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप स्थल पर संयुक्त राष्ट्र की टीम। (फोटो: ANI.)

Afghanistan Earthquake 2025: अफ़ग़ानिस्तान के पूर्वी इलाकों में आए भीषण भूकंप (Afghanistan Earthquake 2025) ने न सिर्फ़ ज़मीन हिलाई, बल्कि सैकड़ों परिवारों की ज़िंदगियों को भी झकझोर कर रख दिया। आधी रात को आए इस विनाशकारी झटके ने पूरा कुनार प्रांत थर्रा दिया। सैकड़ों लोग मारे गए हैं, हज़ारों घायल हैं, और अनगिनत अब भी मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है। स्थानीय समय के मुताबिक आधी रात के करीब भूकंप आया। इसकी तीव्रता इतनी जबरदस्त थी कि न सिर्फ़ गांव के गांव ढह गए, बल्कि राजधानी काबुल और पाकिस्तान के इस्लामाबाद तक इमारतें हिल गईं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, इसका केंद्र सतह से महज 8 किलोमीटर नीचे था, जो इसे और भी ज़्यादा विनाशकारी भूकंप बना गया।

इंसानियत की पुकार: संयुक्त राष्ट्र और WHO का एक्शन

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस तबाही पर गहरा दुख जताया और भरोसा दिलाया कि यूएन कोई कसर नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनकी टीम मौके पर मौजूद है और हर ज़रूरतमंद को मदद दी जा रही है। डब्ल्यूएचओ की टीमें पहले ही ज़मीन पर पहुँच चुकी हैं, जो अस्पतालों में घायलों का इलाज कर रही हैं और दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही हैं।

मौत का आँकड़ा बढ़ता जा रहा है

अब तक की रिपोर्टों के मुताबिक, 800 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 2,800 लोग घायल हुए हैं। तालिबान सरकार के मुताबिक, कई लोग अभी भी मलबे में दबे हो सकते हैं। यूएनएचसीआर ने चेतावनी दी है कि अकेले कुनार प्रांत में ही दो हज़ार से ज़्यादा लोग घायल हो सकते हैं। जलालाबाद जैसे शहरों में मौतों की संख्या और भी ज़्यादा हो सकती है।

ज़मीनी सच्चाई: ज़रूरतें कहीं ज़्यादा, संसाधन बेहद कम

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि स्थानीय प्रशासन की क्षमता इस आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है। राहत और बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बेहद जरूरी है। अगर तुरंत कदम नहीं उठाए गए, तो और भी कई जानें जा सकती हैं।

भारत का साथ: मदद को तैयार

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर संवेदना प्रकट की और भारत की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, “हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं और अफगान भाइयों-बहनों को हरसंभव मानवीय सहायता देने के लिए तैयार हैं।”

पिछली त्रासदियों की याद दिलाता हादसा

बहरहाल यह भूकंप अफग़ानिस्तान में हाल के वर्षों में आया सबसे भयानक झटका माना जा रहा है। इससे पहले 2023 में हेरात प्रांत में 6.3 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने हज़ारों लोगों को बेघर कर दिया था।