8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डोनाल्ड ट्रंप का दावा: अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर चीन का कब्ज़ा, क्या हो सकता है इसका असर

Donald Trump's Big Claim: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बगराम एयरबेस के विषय में एक बड़ा दावा किया है। क्या है अमेरिकी राष्ट्रपति का दावा? आइए जानते हैं।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Tanay Mishra

May 03, 2025

Bagram Air Base

Bagram Air Base (Photo - Washington Post)

अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अपने दूसरे कार्यकाल में काफी एक्टिव नज़र आ रहे हैं। ट्रंप लगातार बड़े फैसले ले रहे हैं और इसके साथ ही खुलकर दुनियाभर के मामलों पर भी बोल रहे हैं। अब अमेरिकी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के बगराम एयरबेस (Bagram Air Base) के बारे में एक बड़ा दावा किया है। ट्रंप ने कहा है कि अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस पर चीन (China) ने कब्ज़ा कर लिया है। बगराम एयरबेस दुनिया के सबसे बड़े एयरबेस में से एक है और काफी अहम भी। ऐसे में ट्रंप का यह दावा बड़ा होने के साथ ही हैरान भी करता है।

◙ 2021 में अमेरिका ने छोड़ा था यह एयरबेस

एक समय पर बगराम एयरबेस पर अमेरिका का कब्ज़ा था। उस समय अमेरिकी सेना की टुकड़ी अफगानिस्तान में तैनात थी। ट्रंप ने अपना पहला कार्यकाल खत्म होने से पहले अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का आदेश दिया था। जुलाई 2021 में अमेरिकी सेना ने बगराम एयरबेस खाली कर दिया था।

◙ बगराम एयर बेस से कुछ दूरी पर चीन बनता है घातक हथियार

ट्रंप ने दावा किया है कि वह चाहते थे कि बगराम एयरबेस अमेरिका के कब्ज़े में ही रहे। हालांकि ऐसा हो नहीं सका। ट्रंप का कहना है कि बगराम एयरबेस से करीब एक घंटे की दूरी पर चीन घातक हथियार बनाता है और इसी वजह से वह चाहते थे कि बगराम एयरबेस पर अमेरिका का ही कब्ज़ा रहे।


यह भी पढ़ें- पाकिस्तानी रक्षा मंत्री की भारत को गीदड़भभकी, कहा – “अगर सिंधु नदी का पानी रोका तो हम कर देंगे हमला”

◙ बगराम एयर बेस पर कब्ज़े के पीछे चीन की क्या है मंशा

ट्रंप के दावे के बाद मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि चीन की बगराम एयरबेस पर कब्ज़ा करने की क्या मंशा है? दरअसल यह एयरबेस काफी बड़ा है और चीन से ज़्यादा दूर भी नहीं है। इससे सैन्य और रणनीतिक तौर पर चीन को काफी फायदा हो सकता है, क्योंकि वो न सिर्फ अपनी एक सैन्य टुकड़ी को बगराम एयरबेस पर तैनात कर सकता है, बल्कि अपने कई हथियारों को भी यहाँ रख सकता है। इससे चीन और अफगानिस्तान की तालिबान (Taliban) सरकार के भी संबंध मज़बूत हो सकते हैं और एशिया में चीन का प्रभाव भी बढ़ेगा।

◙ बढ़ सकता है अमेरिका और चीन में तनाव

टैरिफ मामले पर पहले से ही अमेरिका और चीन में तनाव बना हुआ है। दोनों देश ही एक-दूसरे के खिलाफ टैरिफ की जंग में बने हुए हैं। अब बगराम एयरबेस के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सकता है। जिस बगराम एयरबेस पर एक समय अमेरिका का कब्ज़ा था, अब वो चीन के कब्ज़े में आ गया है और निश्चित तौर पर यह बात ट्रंप को पसंद नहीं आएगी।


यह भी पढ़ें- 26 साल, 26 मौत और 3 मई का दिन..क्या फिर होगी भारत-पाकिस्तान में जंग?