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Google Antitrust case: गूगल की हार, एंटीट्रस्ट मुकदमे में कंपनी 6,000 करोड़ रुपए की रकम भरने को हुई तैयार

Google will change his app store policy: गूगल ने एंटीट्रस्ट मुकदमा निपटाने के लिए किया छह हजार करोड़ रुपए का समझौता किया है। गूगल ने इस समझौते के तहत अपने ऐप स्टोर से जुड़ी नीतियों में भी बदलाव करेगी।भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्टूबर में दो मामलों में अल्फाबेट इंक की कंपनी गूगल पर 27.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था।

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अमरीका में सैन फ्रांसिस्को की एक अदालत ने घोषणा की है कि गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट एक मुकदमे में समझौते के लिए 70 करोड़ डॉलर (करीब छह हजार करोड़ रुपए) की रकम देने को तैयार हो गई है। गूगल के खिलाफ एकाधिकार रखने से जुड़ा मुकदमा (एंटीट्रस्ट केस) कई अमरीकी राज्यों और उपभोक्ताओं ने दायर किया था। समझौते के तहत गूगल ने यह भी कहा कि वह अपने ऐप स्टोर (गूगल प्ले) से जुड़ी नीतियों में बदलाव करेगी।

क्या है कंपनी पर आरोप?

कंपनी पर आरोप है कि उसका ऐप स्टोर अवैध तरीके से एंड्रॉइड मार्केट पर वर्चस्व बनाता है। गूगल ने समझौता सितंबर में कर लिया था लेकिन इससे जुड़ा एक मुकदमा लंबित था इसलिए इसकी जानकारी गोपनीय रखी गई थी। समझौते को जज की अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है। इस मामले में गूगल ने किसी किस्म की गलती करने से इनकार किया है। पिछले साल एक एंटीट्रस्ट वॉचडॉग ने पाया था कि गूगल अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल कर रहा है।

भारत ने लगाया था करोड़ों का जुर्माना

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अक्टूबर में दो मामलों में अल्फाबेट इंक की कंपनी गूगल पर 27.5 करोड़ डॉलर का जुर्माना लगाया था। मामला ऑनलाइन सर्च और एंड्रॉइड ऐप स्टोर जैसे बाजारों में अपने वर्चस्व का फायदा उठाने का था। सीसीआई ने गूगल से प्री-इंस्टॉलिंग ऐप्स से संबंधित स्मार्टफोन निर्माताओं पर लगाए प्रतिबंधों को बदलने के लिए भी कहा था।

दुनियाभर में चल रहे हैं गूगल के खिलाफ केस

समझौते की खबर ऐसे समय आई है जब गूगल को दुनियाभर में एंटीट्रस्ट जांच का सामना करना पड़ रहा है। साख विरोधी कानून (एंटीट्रस्ट लॉ) को प्रतिस्पर्धा कानून के तौर पर भी जाना जाता है। इसका मकसद व्यापार को गैर-जरूरी प्रतिबंधों, एकाधिकार और मूल्य निर्धारण से सुरक्षित रखना है।

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