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भारत-चीन की पार्टनरशिप बनेगी अमेरिका के लिए सिरदर्द!

India-China Partnership: डोनाल्ड ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के चलते भारत और चीन के संबंधों में सुधार हो रहा है। टैरिफ मामले पर चीन का भारत को पूरा समर्थन है और साथ ही दोनों देश एक-दूसरे के साथ पार्टनरशिप के लिए भी तैयार है। हालांकि भारत और चीन की यह पार्टनरशिप अमेरिका के लिए सिरदर्द बन सकती है।

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भारत

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Tanay Mishra

Aug 23, 2025

India-China partnership can be headache for USA

India-China partnership can be headache for USA (Photo - Patrika Graphics)

अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत (India) पर 25% बेसिक और 25% एक्स्ट्रा यानी कि कुल 50% टैरिफ लगाया है। ट्रंप के इस 'टैरिफ वॉर' की वजह से न सिर्फ भारत और अमेरिका के संबंधों में दरार पड़ी है, बल्कि भारत की चीन (China) से नज़दीकी भी बढ़ी है। ट्रंप की धमकियों के कारण भारत और चीन के संबंधों में सुधार हुआ है और दोनों देश एक-दूसरे के साथ पार्टनरशिप के लिए भी तैयार है। भारत और चीन की यह पार्टनरशिप अमेरिका के लिए सिरदर्द बन सकती है।

◙ एशियाई मार्केट में अमेरिका को पहुंचेगा नुकसान

एशियाई मार्केट दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है। हालांकि इसमें अमेरिका का उतना प्रभाव नहीं है, क्योंकि एशियाई मार्केट में चीन का दबदबा है। भारत ही एक ऐसा देश है जो एशिया में चीन को टक्कर दे सकता है और यह बात अमेरिका को भी पता है। अमेरिका से संबंधों में दरार पड़ने से भारत और चीन की नज़दीकी बढ़ी है, जिसका नुकसान अमेरिका को एशिया में उठाना पड़ेगा। अब भारत, चीन के दबदबे को खत्म करने के लिए नहीं, बल्कि चीन के साथ पार्टनरशिप करते हुए एशिया में अपना दबदबा बढ़ाएगा। इससे एशियाई मार्केट में अमेरिका कद कद घटेगा और उसे काफी नुकसान पहुंचेगा।

◙ अमेरिकी अर्थव्यवस्र्था को लग सकता है बड़ा झटका

एशिया में चीन के दबदबे को कम करने के लिए अमेरिका को भारत की सख्त ज़रूरत है। लेकिन अब ट्रंप के भारत के खिलाफ 'टैरिफ वॉर' छेड़ने से अमेरिका के लिए एशिया में चीन के दबदबे को कम करना नामुमकिन सा हो गया है। भारत और चीन के हाथ मिलाने से अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा।

◙ मंदी का खतरा बढ़ा

भारत से संबंधों को बिगाड़ कर अब अमेरिका पर मंदी का खतरा बढ़ गया है। एलन मस्क (Elon Musk) पहले ही इस बात की संभावना जता चुके हैं कि जल्द ही अमेरिका में मंदी आ सकती है। अमेरिका पहले से ही 37 ट्रिलियन डॉलर्स के कर्ज़ तले दबा हुआ है जो समेत के साथ बढ़ता चला जाएगा। इससे आने वाले समय में अमेरिका में मंदी आने का खतरा और बढ़ जाएगा।

◙ ब्रिक्स देगा बड़ा झटका!

ब्रिक्स (BRICS) देश भी टैरिफ के मामले में ट्रंप के खिलाफ हो गए हैं। ट्रंप शुरू से ही ब्रिक्स के खिलाफ रहे हैं क्योंकि वह इस संगठन को अमेरिकी डॉलर के लिए खतरा मानते हैं। ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के खिलाफ ब्रिक्स देश एकजुट हो गए हैं और अब ये सभी देश एक-दूसरे के साथ ट्रेड के लिए डॉलर की जगह अपनी खुद की करेंसी का इस्तेमाल करने पर जोर दे सकते हैं। इससे डॉलर कमज़ोर होगा और साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था भी।