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भारत-ईरान कारोबार 11,000 करोड़ रुपये के पार, जानें कितना होता है तेल व्यापार, जंग के बावजूद रिश्ते मजबूत

India-Iran trade relations: इजराइल और ईरान में जंग के चलते भारत और ईरान के बीच कारोबारी रिश्ते कितने प्रभावित हुए हैं, पढ़िए एम आई जाहिर की स्पेशल रिपोर्ट:

भारत

MI Zahir

Jun 20, 2025

India-Iran relations
India-Iran relations (Photo: IANS)

India-Iran trade relations: ईरान और इजराइल के बीच चल रही जंग के बावजूद भारत और ईरान में अहम कारोबार (India Iran trade) हो रहा है। भारत कच्चे तेल का आयात और कृषि उत्पादों, मशीनरी और फार्मास्युटिकल्स का निर्यात कर रहा है। भारत-ईरान (Iran India economic ties) चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (IICCI) और वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2025 में ईरान को भारत का निर्यात 11,690 करोड़ रुपये रहा है, जबकि आयात 3,681 करोड़ रुपये था। भारत के कच्चे तेल और एलएनजी आयात का एक बड़ा हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है, जो संभावित व्यवधानों के कारण चिंता का विषय है।

जंग से भारत और ईरान के बीच व्यापार पर कितना असर

जानकारी के अनुसार ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष का भारत और ईरान के व्यापार पर महत्वपूर्ण असर पड़ा है। विशेष रूप से तेल के आयात में रुकावट आई है, क्योंकि ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों और वैश्विक दबावों के कारण व्यापारिक मार्ग प्रभावित हुए हैं। हालांकि, भारत ने अपनी रणनीति को अनुकूलित किया है और ईरान से तेल आयात जारी रखा है, लेकिन यह बहुत अधिक प्रभावित हुआ है।

ईरान से अन्य उत्पादों का आयात भी प्रभावित (Iran India relations)

जंग के दौरान, ईरान से अन्य उत्पादों का आयात भी प्रभावित हुआ है। विशेष रूप से कृषि उत्पादों और अन्य कम महंगे सामानों की आपूर्ति में बाधाएं आईं, लेकिन दोनों देशों ने अपने व्यापारिक संबंधों को बनाए रखने के लिए सहमति जताई है और नए मार्गों पर विचार कर रहे हैं।

भारत और ईरान में व्यापार: आयात और निर्यात

भारत और ईरान के बीच व्यापारिक संबंध कई दशकों पुराने हैं। भारत, ईरान से मुख्य रूप से तेल, गैस, और कृषि उत्पादों का आयात करता है, जबकि ईरान भारत से मशीनरी, कपड़े, फार्मास्यूटिकल्स, और गहनों का निर्यात करता है। दोनों देशों के बीच तेल व्यापार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत ईरान का एक प्रमुख तेल खरीदार है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच वस्त्र, गहने, चाय, और मसाले भी व्यापारित होते हैं।

दोनों देश रणनीतिक साझेदारी मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे

आयात और निर्यात के पैटर्न में मुख्य बदलाव तब आया, जब 2018 में अमेरिकी प्रतिबंधों ने ईरान के तेल उद्योग को प्रभावित किया। इसके बावजूद, भारत ने ईरान से कम मात्रा में तेल आयात करना जारी रखा और कई अन्य क्षेत्रों में व्यापारिक संबंधों को बनाए रखा। हालांकि, यह प्रतिबंध भारत और ईरान के व्यापारिक संबंधों पर असर डालते हैं, लेकिन दोनों देश रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

भारत और ईरान के बीच व्यापार संबंध (India-Iran trade relations)

भारत और ईरान के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, जो व्यापार, राजनीतिक और सामरिक सहयोग से भी मजबूत होते हैं। दोनों देशों के बीच समुद्री मार्गों का व्यापारिक महत्व है, जिससे खाड़ी के क्षेत्र में भारत को महत्वपूर्ण सामरिक स्थिति मिलती है। इसके अलावा, भारतीय नागरिकों का ईरान में एक बड़ा समुदाय है, जिनमें से अधिकांश शैक्षिक और व्यापारिक कारणों से ईरान में निवास करते हैं। भारत और ईरान ने आतंकवाद, ड्रग्स और अन्य वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने की दिशा में कई प्रयास किए हैं।

भारत के लिए यह मार्ग मध्य एशिया और यूरोप पहुंचने का रास्ता खोलता है

उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के संबंध प्राचीन काल से रहे हैं, और आज भी कई साझा सांस्कृतिक पहलू हैं, जैसे कला, संगीत, साहित्य, और विज्ञान। व्यापारिक रूप से, ईरान भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत है, खासकर तेल और गैस के क्षेत्र में। इसके अलावा, ईरान भारत के लिए एक व्यापारिक मार्ग भी है जो मध्य एशिया और यूरोप तक पहुंचने का रास्ता खोलता है।

भारत और ईरान के बीच व्यापार की चीजों की सूची

भारत और ईरान के बीच व्यापार में तेल, गैस, फल, और कृषि उत्पाद प्रमुख स्थान रखते हैं। ईरान से भारत आयात होने वाले प्रमुख उत्पादों में कच्चा तेल, पेट्रोलियम गैस, और खनिज शामिल हैं। इसके अलावा, फल जैसे खजूर और सूखे मेवे भी प्रमुख रूप से आयात किए जाते हैं। ईरान से भारतीय बाजार में तेल, रिफाइंड तेल, जैतून और कृषि उत्पाद आते हैं।

वस्त्र, मशीनरी, फार्मास्युटिकल्स, रत्न और आभूषण, चाय, और मसाले प्रमुख

भारत के लिए निर्यात किए जाने वाले उत्पादों में वस्त्र, मशीनरी, फार्मास्युटिकल्स, रत्न और आभूषण, चाय, और मसाले प्रमुख हैं। यह निर्यात भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देता है और ईरान के साथ व्यापारिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। भारत, ईरान के लिए भी एक बड़ा निर्यातक देश है, खासकर रत्न और आभूषण के क्षेत्र में।

तेल और जैतून भारतीय आयात में महत्वपूर्ण (India Iran oil imports)

तेल और जैतून भारतीय आयात में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। ईरान, भारत के लिए कच्चे तेल का एक प्रमुख स्रोत है, जो भारत की ऊर्जा आवश्यकता का एक बड़ा हिस्सा पूरा करता है। कच्चा तेल ईरान से आयात करने से भारत को ऊर्जा आपूर्ति में स्थिरता मिलती है। इसके अलावा, जैतून तेल भी ईरान से आयात किया जाता है, जो भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जैतून तेल और कृषि आयात से जुड़ी डील्स की एपीडा यानि कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) और निजी आयातकों के हवाले से पुष्टि की गई है, जिनके अनुसार ईरान से जैतून तेल (Oil trade India Iran) की आयात मांग 2025 की पहली तिमाही में 12% बढ़ी है।

भारत में जैतून के तेल की खपत बढ़ रही

ईरान की जैतून तेल उत्पादन क्षमता भारत के बड़े उपभोक्ता बाजार के लिए एक आकर्षक पहलू है। भारत में जैतून के तेल की खपत बढ़ रही है, और यह स्वास्थ्य-conscious भारतीयों के बीच एक पसंदीदा विकल्प बन चुका है। ईरान से जैतून तेल का आयात भारतीय रिटेल और होलसेल मार्केट्स में काफी बढ़ा है।

किस चीज का का होता है कितना आयात ?

भारत मुख्य रूप से ईरान से तेल और गैस का आयात करता है, जिनकी मात्रा सालाना करोड़ों बैरल तक पहुँचती है। इसके अलावा, भारत अन्य उत्पादों जैसे खजूर, सूखे मेवे, और रसायन भी आयात करता है। भारत के लिए ईरान से आयातित प्रमुख उत्पादों में कच्चा तेल, रिफाइंड तेल, रासायनिक उत्पाद, और कृषि उत्पाद (जैसे खजूर और फल) शामिल हैं।

सबसे ज्यादा होता है तेल का आयात

आयात की कुल मात्रा में तेल का हिस्सा सबसे ज्यादा है, जो भारत के ऊर्जा सुरक्षा की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पूरा करता है। भारत इस आयात को अपनी ऊर्जा नीति का एक अहम हिस्सा मानता है, और ईरान के तेल पर निर्भरता बरकरार रखना चाहता है।

किस चीज का होता है कितना निर्यात ?

भारत से ईरान को निर्यात की जाने वाली प्रमुख चीजें मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र, गहने और रत्न हैं। फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों का निर्यात भारतीय उद्योग के लिए एक बड़ा मुनाफा बनाने का तरीका है। इसके अलावा, कपड़े और वस्त्र भारतीय निर्यात का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो ईरान जैसे विकासशील बाजारों में अपनी जगह बना चुके हैं।

भारत से ईरान को चाय और मसाले भी निर्यात होते हैं

इसके अलावा, भारत से ईरान को चाय और मसाले भी निर्यात किए जाते हैं, जो भारतीय खाद्य संस्कृति का हिस्सा हैं। इन निर्यातों का ईरान के उपभोक्ताओं के बीच अच्छा बाजार है, और यह भारत के व्यापारिक संबंधों में मजबूती प्रदान करता है।

खजूर, जैतून तेल, और कृषि उत्पादों का आयात भी व्यापार में शामिल

भारत और ईरान के बीच व्यापार का सालाना टर्नओवर विविध होता है, लेकिन तेल और गैस व्यापार में यह टर्नओवर सबसे बड़ा होता है। ईरान से भारत का कुल आयात (विशेषकर तेल) सालाना कई अरब डॉलर में होता है। इसके अलावा, अन्य आयात उत्पादों जैसे खजूर, जैतून तेल, और कृषि उत्पादों का आयात भी व्यापार में शामिल है।

ईरान में भारतीय खाने के रेस्टोरेंट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

भारत और ईरान के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों के कारण भारतीय नागरिकों का इस देश में महत्व बढ़ा है। भारतीय समुदाय की मुख्यतः व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में सक्रियता है। इसके अलावा, ईरान में भारतीय खाने के रेस्टोरेंट और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी भारतीय संस्कृति को प्रचारित करने का एक तरीका है।

दोनों देशों का सालाना टर्नओवर ऊर्जा और कृषि उत्पादों पर आधारित

दूसरी ओर, भारत से ईरान का निर्यात ज्यादातर वस्त्र, फार्मास्युटिकल्स और मशीनरी है, जिनकी सालाना कीमत भी बढ़ रही है। कुल मिलाकर, दोनों देशों के बीच व्यापार का सालाना टर्नओवर विशेष रूप से ऊर्जा और कृषि उत्पादों पर आधारित है।

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