
कराची में गाजा के समर्थन में रैली निकाली गई। (फोटो: एएनआई.)
Karachi Gaza protest: पाकिस्तान के कराची में रविवार को हजारों लोग सड़कों पर उतरे और गाजा में इजरायली कार्रवाइयों के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन (Karachi Gaza protest) किया। जमात-ए-इस्लामी की अगुवाई में यह रैली (Jamaat-e-Islami rally) गाजा के समर्थन और इजरायल से संबंध (Pakistan Israel relations) तोड़ने की मांग को लेकर थी। प्रदर्शनकारियों ने हमास को गाजा का वैध नेतृत्व बताया और अब्राहम समझौते को खारिज करने की अपील की। इस घटना ने भारत की मध्य पूर्व नीति पर भी सवाल उठाए हैं। आइए, इसे सरल भाषा में समझते हैं। कराची की शरीयत फैसल सड़क पर हजारों लोग, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे, गाजा में इजरायली हमलों के खिलाफ एकत्र हुए। जमात-ए-इस्लामी (JI) की ओर सेआयोजित इस मार्च में लोग फिलिस्तीनी झंडे और हमास नेताओं की तस्वीरों वाली तख्तियां लेकर नारे लगाते दिखे। प्रदर्शनकारी मोटरसाइकिलों, कारों और बसों में नर्सरी बस स्टॉप पर जमा हुए। रैली का मकसद गाजा में हाल के इजरायली हमलों, खासकर फ्रीडम फ्लोटिला पर कार्रवाई के खिलाफ एकजुटता दिखाना था। जेआई नेता हाफिज नईमुर्रहमान ने इसे फिलिस्तीनियों के लिए ऐतिहासिक समर्थन बताया।
हाफिज नईमुर्रहमान ने रैली में कहा कि पाकिस्तान को इजरायल से कोई संबंध नहीं रखना चाहिए और अब्राहम समझौते को खारिज करना चाहिए। उन्होंने हमास को गाजा का एकमात्र वैध नेतृत्व करार दिया और सरकार से इसके लिए कार्यालय खोलने की मांग की। उन्होंने 1940 के मुस्लिम लीग के प्रस्तावों का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान और फिलिस्तीन का इतिहास जुड़ा है। नईमुर्रहमान ने संयुक्त राष्ट्र को 'अमेरिका और इजरायल का एजेंट' बताकर इसकी निष्क्रियता की आलोचना की और एक नए वैश्विक संगठन की जरूरत बताई।
रैली को शांतिपूर्ण बताया गया, जिसमें जेआई नेताओं डॉ. ओसामा रजी और सैफुद्दीन ने भी भाषण दिए। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका को गाजा में 'नरसंहार' का जिम्मेदार ठहराया। नईमुर्रहमान ने मुस्लिम देशों पर फिलिस्तीन के साथ विश्वासघात का आरोप लगाया और कहा कि हमास एक प्रतिरोध आंदोलन है। उन्होंने इमरान खान से भी जेल से हमास का समर्थन करने की अपील की। इस रैली ने पाकिस्तान में फिलिस्तीन समर्थन को नई ताकत दी है।
गाजा में 2023 के बाद से 67,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। हमास और इजरायल के बीच कैदी विनिमय पर मिस्र में बातचीत चल रही है। कराची की रैली ने इस्लामी देशों से एकजुट कार्रवाई की मांग की है। जेआई ने दावा किया कि इजरायल सैन्य रूप से विफल रहा, क्योंकि वह हमास से बंधकों को नहीं छुड़ा सका। यह रैली क्षेत्रीय तनाव को और हवा दे सकती है।
भारत ने हमेशा दो-राज्य समाधान का समर्थन किया है और गाजा में तत्काल सीजफायर की मांग की है। लेकिन कराची की रैली ने भारत की संतुलित नीति पर सवाल उठाए। भारत इजरायल के साथ रक्षा और व्यापारिक संबंध रखता है, जिसका व्यापार 2025 में 12 अरब डॉलर रहा। साथ ही, भारत ने फिलिस्तीन को मानवीय सहायता दी। रैली में अब्राहम समझौते की आलोचना भारत के लिए चुनौती है, क्योंकि यह क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। भारत को अपनी कूटनीति में संतुलन बनाना होगा, क्योंकि मध्य पूर्व से 60% तेल आयात होता है। (एएनआई)
संबंधित विषय:
Published on:
06 Oct 2025 06:28 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
