
पाकिस्तान के बाजौर जिले में विस्थापित भूखे प्यासे लोग किसी मसीहा का इंतजार करते हुए। (फोटो: X Handle Asim Jaan.)
Bajaur Displacement Pakistan Army TTP Operation: पाकिस्तान के बाजौर जिले में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के खिलाफ चलाए जा रहे सैन्य अभियान (Bajaur Operation Pakistan) के चलते हालात बहुत खराब हो गए हैं। पाकिस्तान सेना की ओर से शुरू की गई कार्रवाई के कारण अब तक लगभग 55,000 लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर (Bajaur Displacement News) हो चुके हैं, जबकि करीब 4 लाख लोग कर्फ्यू में फंसे हुए (Pakistan Curfew Crisis) हैं। इधर अवामी नेशनल पार्टी (ANP) के विधायक निसार बाज ने सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में बताया कि इलाके की लगभग पूरी आबादी कर्फ्यू की वजह से "बंधक" बन चुकी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार ने ऐसे समय में लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी (TP Military Operation), जब वे जान बचा कर सुरक्षित जगहों की ओर जाना चाहते थे।यह बहुत ही चौंकाने वाला है कि सरकार लोगों को निकलने से रोक रही है।
पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को बाजौर के लोई मामुंड और वार मामुंड तहसीलों में तीन दिवसीय "लक्षित अभियान" (Targeted Operation) शुरू किया। यह इलाका पहले टीटीपी का गढ़ माना जाता था। सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई आतंकवादी कमांडरों के साथ हाल ही में विफल हुई शांति वार्ता के बाद शुरू की गई है। प्रांतीय गृह विभाग ने जानकारी दी कि 27 क्षेत्रों में 12 से 72 घंटे तक आवाजाही पर रोक लगाई गई है। जिला प्रशासन ने पहले ही स्थानीय लोगों को घर खाली करने के आदेश दे दिए थे।
बाजौर में तेजी से बिगड़ती स्थिति के चलते कई परिवार सरकारी स्कूलों और राहत शिविरों में शरण लेने को मजबूर हो गए हैं। कुछ लोग पहले ही इलाका छोड़ चुके हैं, लेकिन हज़ारों अब भी परिवहन की कमी और कर्फ्यू के कारण फंसे हुए हैं।
निसार बाज ने बताया कि, "लोगों को खुले आसमान के नीचे या अस्थायी तंबुओं में रातें बितानी पड़ रही हैं।" उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि ना तो केंद्र और ना ही राज्य सरकार ने राहत सामग्री, दवाइयों या भोजन की उचित व्यवस्था की है।
स्थिति लगातार बिगड़ रही है और अगर राहत कार्य तुरंत शुरू नहीं किए गए, तो यह एक बड़ा मानवीय संकट बन सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक कर्फ्यू हटा नहीं जाता और मदद नहीं पहुंचती, तब तक वे अपने गांव नहीं छोड़ सकते।
बहरहाल बाजौर में टीटीपी के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन ने हजारों परिवारों की ज़िंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया है। विस्थापन, कर्फ्यू और राहत की कमी – तीनों मिलकर इस क्षेत्र को एक बड़े मानवीय संकट की ओर धकेल रहे हैं। अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान सरकार इन हालात से निपटने के लिए कितनी जल्दी और प्रभावी राहत व्यवस्था लागू करती है।
Published on:
13 Aug 2025 02:50 pm
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