अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने उन्हें फोन कर जन्मदिन की बधाई दी। इस दौरान पुतिन के साथ ईरान-इजरायल सैन्य संघर्ष (Israel Iran military clash) पर बातचीत हुई। ट्रंप ने कहा कि पुतिन ईरान को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। हमने सैन्य झड़प को लेकर लंबी बातचीत की।
ट्रंप ने आगे कहा कि हमें रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) पर बात करने के लिए कम समय मिला। रूस व यूक्रेन सैन्य कैदियों की अदला-बदली भी कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि इजरायल-ईरान सैन्य झड़प को लेकर ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर से बातचीत हुई। उन्होंने भी कहा कि संघर्ष को कूटनीति और बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए।
ईरान ने इजरायली हमले के बाद अमेरिका संग चल रही न्यूक्लियर बातचीत पर भी प्रतिक्रिया दी है। ईरान ने अमेरिका पर इजरायल को सह देने का आरोप लगाया है। ईरान ने कहा कि अब अमेरिका के साथ न्यूक्लियर डील पर बातचीत करने का कोई मतलब नहीं रह गया है। ओमान में आयोजित होने वाली वार्ता से ईरान पीछे हट गया है। ईरान ने इजरायल की मदद करने पर अमेरिका के सैन्य ठिकाने व आर्थिक-रणनीतिक अड्डों को नष्ट करने की भी धमकी दी है।
इजरायली हमले का समर्थन करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमने इजरायल का समर्थन वैसा किया है जैसा पहले किसी ने नहीं किया। ईरान के पास अब भी समय है। वह समझौता कर ले। ट्रंप ने कहा कि मेरी जिन कट्टरपंथियों से बातचीत होती थी, वे अब जिंदा नहीं हैं। इससे पहले उन्होंने न्यूक्लियर डील रद्द होने पर ईरान को हमले की धमकी दी थी।
ईरान ने इजरायल के खिलाफ सीधी सैन्य झड़प को ऑपरेशन ट्रू प्रोमिस का नाम दिया है। इस ऑपरेशन के तहत ईरान ने इजरायल पर ड्रोन्स व मिसाइलें दागीं। ईरान ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव को अपने निशाने पर लिया। ईरान ने कहा कि ट्रू प्रोमिस-3 के दौरान उसने इजरायली रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया। ऑपरेशन ट्रू-प्रोमिस 1, सीरिया में ईरानी दूतावास पर हमले के बाद लॉन्च किया गया था, जबकि ऑपरेशन ट्रू प्रोमिस-2 हिज्बुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान ने लॉन्च किया था। वहीं, अब ऑपरेशन ट्रू प्रोमिस-3 के तहत इजरायल द्वारा उसके न्यूक्लियर ठिकानों व सैन्य प्रमुखों को मारने के बाद शुरू किया गया है।
तीन दिन पहले इंटरनेशलन एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) की रिपोर्ट में बताया कि ईरान ने गुपचुप तरीके से परमाणु बम बनाने के दिशा में कई परीक्षण किए हैं। IAEA ने कहा है कि ईरान ने हथियार ग्रेड के यूरेनियम के अपने भंडार को 60 प्रतिशत बढ़ाया है। फरवरी में यूरेनियम का भंडार 133.8 किलोग्राम था, जो कि मई में 408.6 किलोग्राम कर पहुंच गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तेहरान के पास 10 परमाणु बम बनाने जितनी सामग्री उपलब्ध हो गई है। जिसके बाद से ही मिडिल ईस्ट में सैन्य तनाव उत्पन्न होने के कयास लगाए जा रहे थे।
Published on:
15 Jun 2025 09:40 am