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साउथ कोरिया ने अपने ही राष्ट्रपति योल के देश से बाहर जाने पर लगा दिया प्रतिबंध 

South Korea: देश में मार्शल लॉ लगाने पर दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ संसद में विपक्षी दल की तरफ से महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था, हालांकि इस महाभियोग प्रस्ताव को भी राष्ट्रपति जीत गए थे।

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President yeol suspended on imposing martial law in South Korea

President yeol suspended on imposing martial law in South Korea

South Korea: दक्षिण कोरियाई ने अपने ही देश के राष्ट्रपति यून सुक योल के विदेश यात्रा करने पर बैन लगा दिया है। इसका कारण अभियोजक पिछले हफ्ते साउथ कोरिया में मार्शल लॉ लागू करना बताया जा रहा है। साउथ कोरिया के भ्रष्टाचार जांच कार्यालय ने सोमवार को यून सुक योल (Yoon Suk Yeol) पर विदेश यात्रा प्रतिबंध की पुष्टि की। यूं की पार्टी पीपल पावर पार्टी (PPP) ने पहले ही ऐलान किया था कि पार्टी राष्ट्रपति का इस्तीफा मांगेगी और दक्षिण कोरिया को गंभीर खतरे से बचाने के लिए राष्ट्रपति को अपने पद से हटने का आह्वान किया है।

हिरासत में पूर्व रक्षा मंत्री

हालांकि बीते शनिवार को राष्ट्रपति योल ने टीवी के जरिए देश में मार्शल लॉ लगाने के लिए जनता से माफी मांगी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मार्शल लॉ अब कभी भी देश में नहीं लगाया जाएगा, मेरे भविष्य का फैसला मेरी पार्टी करने के लिए स्वतंत्र है। दक्षिण कोरिया की राष्ट्रीय पुलिस साउथ कोरिया के पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून और दूसरे टॉप अधिकारियों पर कथित देशद्रोह के मामले की जांच कर रही है। बीते रविवार को पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग-ह्यून को भी हिरासत में ले लिया गया।

सेना के कमांडर ने कहा- मुझसे गलती हुई

सोमवार को मीडिया से बात करते हुए दक्षिण कोरिया के 707 स्पेशल टास्क फोर्स के कमांडर कर्नल किम ह्यून-ताए ने बड़े बयान  दिए। उन्होंने खुद को अक्षम और गैर-जिम्मेदार कमांडर कहा। उन्होंने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति यून सुक येओल के मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा के की तो उन्होंने अपने सैनिकों को नेशनल असेंबली पर धावा बोलने का आदेश तक दे दिया था।

उन्होंने कहा कि "मैंने नेशनल असेंबली में सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया था। वे 197 सैनिकों के ऑन-साइट कमांडर के तौर पर हेलीकॉप्टर से पहुंचने वाला पहले शख्स थे। मैंने उन्हें इमारत को सील करने सामने और पीछे के गेट पर टकराव करने, खिड़कियां तोड़ने और परिसर में घुसने को कहा था। उन्होंने कहा कि उनसे गलती हुई क्योंकि अगर इस तरह के आदेश युद्ध में दिए गए होते तो हर कोई मारा जाता। उन्होंने इन सैनिकों को इस स्थिति के सबसे दुखद शिकार कह दिया। उन्होंने कहा कि ये सैनिक इस स्थिति के सबसे दुखद शिकार हैं।

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