
सुशीला कार्की (फोटो- एक्स अकाउंट @RONBupdates)
नेपाल के प्रधानमंत्री पद का भार संभालते ही सुशीला कार्की ने बड़ा बयान दिया है। सुशील ने कहा कि बर्बरता की घटना में शामिल लोगों की जांच की जाएगी। मैं और मेरी टीम यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हम 6 महीने से ज़्यादा नहीं रुकेंगे। हम नई संसद को ज़िम्मेदारी सौंप देंगे। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि आपके सहयोग के बिना हमें सफलता नहीं मिलेगी।
वहीं, नेपाल में सरकार बनने के बाद भारत-नेपाल बॉर्डर पर हालात सामान्य होने लगे हैं। बॉर्डर पर गाड़ियों की आवाजाही शुरू हो गई है। रुपईडीहा बॉर्डर पर तैनात SSB कमांडेंट गंगा सिंह उडावत ने कहा कि नई सरकार बनने के बाद हालात सामान्य होने लगे हैं। शनिवार से ही लोगों का आवागन शुरू हो गया है। सीमा चौकियों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है।
शनिवार और रविवार को बॉर्डर अर्थव्यवस्था भी पटरी पर आने लगी है। बड़ी संख्या में कारोबारी ट्रक नेपाल में दाखिल हुए, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को रफ्तार मिली है। हालांकि, आम नागरिकों की आवाजाही अब भी सीमित दिखाई दे रही है।
नेपाल में हाल ही में हुए बड़े पैमाने पर जेन-जी विरोध-प्रदर्शनों ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। प्रदर्शन की शुरुआत सरकार द्वारा कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रतिबंध लगाने से हुई थी, लेकिन यह आंदोलन जल्द ही भ्रष्टाचार, राजनीतिक भाई-भतीजावाद, आर्थिक असमानता और युवाओं में बेरोजगारी को लेकर बड़ी लहर में बदल गया। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म 'डिस्कॉर्ड' जैसे माध्यमों ने इस नेतृत्वविहीन आंदोलन को संगठित करने में अहम भूमिका निभाई।
देखते-ही-देखते हजारों युवा सड़कों पर उतर आए। आंदोलन हिंसक झड़पों में तब्दील हो गया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के दफ्तरों सहित बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा। देशभर में बढ़ते जन दबाव और हिंसा की घटनाओं के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद नेपाल की राजनीति में अहम बदलाव हुए और पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया।
Published on:
14 Sept 2025 12:48 pm
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