
Toilet Condition in World: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान जब लाल किले की प्राचीर से खुले में शौचालयों का मुद्दा उठाय़ा, तब पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा हुई थी, ये मुद्दा के बड़ा मामला था, हालांकि युद्धस्तर चले इस अभियान से भारत (India) को बड़ी सफलता मिली और आज भारत लगभग ODF यानी खुले में शौच से मुक्त हो चुका है। हालांकि सार्वजनिक शौचालयों के हालात अभी भी उतने अच्छे नहीं हैं। वहीं भारत के पड़ोसी देशों चीन (China and Pakistan) और पाकिस्तान की स्थिति इस मामले में कैसे है वो भी आपको जाननी चाहिए। लेकिन इससे पहले हम यहां ये जान लेते हैं कि पूरी दुनिया में शौचालयों की क्या स्थिति है।
संयुक्त राष्ट्र (United States) की 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक 419 मिलियन लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं। तो वहीं 3.5 अरब लोग असुरक्षित या फिर अपर्याप्त शौचालय सुविधाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं अपर्याप्त शौचालय सुविधाओं के चलते जल प्रदूषण की भी समस्या पैदा हो गई है। रिपोर्ट के दिए तथ्यों के मुताबिक असुरक्षित जल, स्वच्छता, और साफ-सफाई का ध्यान ना रखने से हर दिन 5 साल के कम उम्र के 1000 बच्चों की मौत हो रही है।
वर्ल्ड बैंक (World Bank) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2000 से अब तक खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या में 68 प्रतिशत की कमी आई है। लेकिन वैश्विक आबादी के 5 प्रतिशत यानी 420 मिलियन लोग, अभी भी खुले में शौच करने को मजबूर हैं।
वर्ल्ड बैंक (World Bank) की रिपोर्ट के मुताबिक खुले में शौच करने वाले लोग सबसे ज़्यादा उप-सहारा अफ़्रीका और दक्षिण एशिया में हैं। हालांकि 2022 तक इसमें काफी बदलाव आया है। वो ये कि, 2000 में खुले में शौच करने वाले 67 प्रतिशत लोग दक्षिण एशिया (अहम तौर पर भारत) में रहते थे और 17 प्रतिशत उप-सहारा अफ़्रीका में। लेकिन अब, 44 प्रतिशत लोग दक्षिण एशिया में और 47 प्रतिशत उप-सहारा अफ़्रीका में हैं।
पाकिस्तान (Toilet in Pakistan) में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या और सैनिटेशन के मामले में सटीक आंकड़ों की भारी कमी है। हालांकि कई मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा करती हैं कि पाकिस्तान में टॉयलेट और सैनिटेशन के चिंताजनक हालात हैं। रिलीफ वेब और यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक-
1- पाकिस्तान में 79 मिलियन लोगों के पास शौचालय की सुविधा नहीं है।
2- 68% पाकिस्तानी कम से कम बेसिक सैनिटेशन का इस्तेमाल करते हैं।
3- पाकिस्तान में 14.4% लोग खुले में शौच करते हैं।
4- प्रदूषण के चलते पाकिस्तान में 16 मिलियन लोगों को अपने घर के पास स्वच्छ पानी तक उपलब्ध नहीं है।
पाकिस्तान के इन हालातों को देखते हुए पाकिस्तान सम्पूर्ण स्वच्छता दृष्टिकोण यानी PATS ने लगभग 18 मिलियन लोगों को शौचालय बनाने और उसका इस्तेमाल करने में मदद की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुनिया के सबसे सहूलियत भरे और अच्छे शौचालयों में पहला नाम जापान का आता है। जापान में सार्वजनिक शौचालय साफ-सुथरे, आधुनिक हैं। दिव्यांग लोगों के विशेष सुविधाएं हैं।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खुले में शौचालयों को खत्म करने के अभियान ने भारत की सूरत ही बदल दी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में, स्वच्छ भारत मिशन के तहत इस स्थिति में अच्छी-खासी प्रगति हुई है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत 75% गाँवों ने खुले में शौच मुक्त यानी ODF+ का दर्जा हासिल कर लिया है। स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत 63.63 लाख घरेलू शौचालय और 6.36 लाख सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं।
सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति में सुधार के लिए चीन ने अपने देश में एक ‘टॉयलेट रिवॉल्यूशन’ के तहत काम किया। जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता सुविधाओं में सुधार हुआ है। द चाइना गाइड की एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन के राष्ट्रीय पर्यटन प्रशासन और स्थानीय सरकारों की कड़ी कोशिशों के बाद बड़े शहरों और बड़े टूरिज्म स्पॉट्स में ज्यादातर पब्लिक टॉयलेट आधुनिक हैं। लगभग सभी सार्वजनिक शौचालयों में फ्री सेवा हैं। कुछ ही हैं जिनमें फीस लगती है।
हालांकि चीन से सटे और चीन के स्वायत्त क्षेत्र कहे जाने वाले तिब्बत, हांगकांग में ये स्थिति गंभीर है। तिब्बत में सार्वजनिक शौचालयों की हालात बेहद खराब है और जो भी हैं, उन्हें इस्तेमाल करने के लिए शुल्क लिया जाता है।
चीन के नानजिंग में एक शॉपिंग मॉल डेज़ी प्लाजा की छठी मंजिल बना टॉयलेट पूरी दुनिया में चर्चा में रहता है। इसका कारण ये है कि ये ऐसा पब्लिक टॉयलेट है जो पूरी दुनिया में कहीं नहीं है। इस टॉयलेट को स्प्रिंग गार्डन थीम पर बनाया गया है। यानी पूरे शौचालय को एक बगीचे के रूप में बनाया है। हरे-भरे पेड़-पौधों में बना ये पब्लिक टॉयलेट के अंदरूनी हिस्से को बेहद खूबसूरत बनाते हैं।
Updated on:
09 Jan 2025 01:54 pm
Published on:
09 Jan 2025 01:39 pm
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