पैर खींचकर फेंका नीचे मृतका अंशिका यादव नोएडा से रोडवेज बस यूपी 85 एएफ 9965 में बैठ कर अपने गांव जा रही थीं। इस बीच उसे घबराहट महसूस हुई तो मां ने उसे गोद में लिटा लिया। जिसे देखकर कंडक्टर ने कहा कि उसे कोरोना है। इसके बाद अन्य यात्रियों ने भी अंशिका में कोरोना होने की बात दोहरायी। इतना कहने की बस देर ही थी कि कंडक्टर ने दोनों को बस से नीचे उतरने का आदेश दिया, लेकिन महिला ने उतरने से मना कर दिया। इसके बाद कंडक्टर ने अंशिका पर कंबल डाल कर उसके पैर खींचते हुए बस से नीचे फेंक दिया। सिर में चोट लगने की वजह से अंशिका की मौत हो गई थी।
इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने हस्तक्षेप करते हुए यूपी पुलिस को कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने और जांच करने को कहा है। उधर, पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्होंने मथुरा पुलिस से शिकायत की थी लेकिन मामले में कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई और अंशिका की मौत को प्राकृतिक मौत करार दिया गया। दिल्ली महिला आयोग का नोटिस मिलने पर एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने एसपी ग्रामीण श्रीशचंद्र ने मामले की जांच सौंपी है। एसपी ग्रामीण ने मांट टोल पर आकर युवती की मौत के मामले में टोलकर्मियों के बयान दर्ज किए हैं। इंस्पेक्टर भीम सिंह जावला ने बताया कि मृतका की मां की तहरीर पर बस के परिचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।