पेयजल के लिए योगी सरकार ने करोड़ों रुपये आगरा के लिए दिए हैं। वहीं गंगाजल प्रोजेक्ट पर कई साल से काम चल रहा है। ताजनगरी में पीने के पानी की समस्या पिछले कई वर्षों से है। यमुना लगातार सूखती जा रही है। वाटर लेबल लगातार नीचे गिर रहा है। लेकिन, लगातार बढ़ती तारीखों ने गंगाजल को ख्वाब बनाकर रख दिया है।
तैयारियां अब अंतिम चरण में, बता रहे अधिकारी
शहर को गंगाजल देने की तैयारी लगभग अंतिम चरण में है। ऐसा अधिकारियों का कहना है। यूं तो ताजनगरी के वाशिंदों को कई सालों से गंगाजल पिलाने का सपना दिखाया जा रहा है। शहर में गंगाजल लाने के लिए कई वर्षों से प्रयास हो रहे हैं। लेकिन, ज्यों ज्यों साल बढ़ते गए गंगाजल प्रोजेक्ट का बजट भी बढ़ता गया। शहरवासियों को पीने को गंगाजल नहीं मिला। अब भाजपाई और गंगाजल प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी 2018 में इस सपने को पूरा होने की बात कर रहे हैं। शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए साल 2005 में गंगाजल लाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन, इस पर ध्यान न देने से काम शुरू नहीं हो सका। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2012 में इसे स्वीकृति दे दी और साल 2014 से गंगाजल प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। बता दें कि ये प्रोजेक्ट 2800 करोड़ रुपये का था जो साल के साथ बढ़ता गया।
शहर को गंगाजल देने की तैयारी लगभग अंतिम चरण में है। ऐसा अधिकारियों का कहना है। यूं तो ताजनगरी के वाशिंदों को कई सालों से गंगाजल पिलाने का सपना दिखाया जा रहा है। शहर में गंगाजल लाने के लिए कई वर्षों से प्रयास हो रहे हैं। लेकिन, ज्यों ज्यों साल बढ़ते गए गंगाजल प्रोजेक्ट का बजट भी बढ़ता गया। शहरवासियों को पीने को गंगाजल नहीं मिला। अब भाजपाई और गंगाजल प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी 2018 में इस सपने को पूरा होने की बात कर रहे हैं। शहर के लोगों की प्यास बुझाने के लिए साल 2005 में गंगाजल लाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन, इस पर ध्यान न देने से काम शुरू नहीं हो सका। केन्द्र सरकार ने वर्ष 2012 में इसे स्वीकृति दे दी और साल 2014 से गंगाजल प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ। बता दें कि ये प्रोजेक्ट 2800 करोड़ रुपये का था जो साल के साथ बढ़ता गया।
आगरा के हिस्से में आएगा इतना पानी
गंगाजल प्रोजेक्ट से 140 क्यूसिक पानी आगरा और 10 क्यूसिक मथुरा को मिलेगा। 343 एमएलडी प्रतिदिन पानी आगरा को और 27 एमएलडी पानी मथुरा को मिलेगा। 343 एमएलडी प्रतिदिन पानी मिलने से जीवनीमंडी वाटरवर्क्स का जीर्णोंद्धार किया जाएगा।
गंगाजल प्रोजेक्ट से 140 क्यूसिक पानी आगरा और 10 क्यूसिक मथुरा को मिलेगा। 343 एमएलडी प्रतिदिन पानी आगरा को और 27 एमएलडी पानी मथुरा को मिलेगा। 343 एमएलडी प्रतिदिन पानी मिलने से जीवनीमंडी वाटरवर्क्स का जीर्णोंद्धार किया जाएगा।
प्रदेश में तेजी से हो रहा है काम
गंगाजल प्रोजेक्ट जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी (जायका योजना) की देखरेख में संचालित हो रहा है। इस मामले में आगरा दक्षिण विधानसभा विधायक योगेंद्र उपाध्याय लगातार नजर रखे हुए हैं। विधायक योगेंद्र उपाध्याय का कहना है कि पिछले ही दिनों मथुरा में बेर के बाग से पाइप लाइन का काम समाप्त हुआ है। आने वाले दिनों में जनता को गंगाजल मुहैया कराया जाएगा।
गंगाजल प्रोजेक्ट जापान इंटरनेशनल कारपोरेशन एजेंसी (जायका योजना) की देखरेख में संचालित हो रहा है। इस मामले में आगरा दक्षिण विधानसभा विधायक योगेंद्र उपाध्याय लगातार नजर रखे हुए हैं। विधायक योगेंद्र उपाध्याय का कहना है कि पिछले ही दिनों मथुरा में बेर के बाग से पाइप लाइन का काम समाप्त हुआ है। आने वाले दिनों में जनता को गंगाजल मुहैया कराया जाएगा।
700 एमएलडी पानी आगरा की जरूरत
आगरावासियों की जरूरत पर गौर करें तो साफ हो जाता है कि मास्टरप्लान के मुताबिक 2001 में शहर की प्यास बुझाने के लिए 400 एमएलडी पानी की आवश्यकता थी। जबकि वर्तमान में आगरा को 700 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। वहीं 2026 तक के लिए बने ‘गंगाजल’ प्रोजेक्ट की क्षमता महज 325 एमएलडी ही है। लेकिन, साल 2026 तक शहर के वाशिंदों की प्यास बुझाने के लिए पानी की आवश्यकता इस आंकड़े से कहीं अधिक होगी।
आगरावासियों की जरूरत पर गौर करें तो साफ हो जाता है कि मास्टरप्लान के मुताबिक 2001 में शहर की प्यास बुझाने के लिए 400 एमएलडी पानी की आवश्यकता थी। जबकि वर्तमान में आगरा को 700 एमएलडी पानी की आवश्यकता है। वहीं 2026 तक के लिए बने ‘गंगाजल’ प्रोजेक्ट की क्षमता महज 325 एमएलडी ही है। लेकिन, साल 2026 तक शहर के वाशिंदों की प्यास बुझाने के लिए पानी की आवश्यकता इस आंकड़े से कहीं अधिक होगी।