29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Gujarat: गुजरात देश का पहला भिखारी मुक्त राज्य जल्द

Gujarat, Beggar free state, west bengal

3 min read
Google source verification
Gujarat: गुजरात देश का पहलेा भिखारी मुक्त राज्य जल्द

Gujarat: गुजरात देश का पहलेा भिखारी मुक्त राज्य जल्द

उदय पटेल

अहमदाबाद. गुजरात देश में जल्द भिखारी मुक्त राज्य हो सकता है। राज्य सरकार ने शहरों में भिखारियों के पुनर्वसन की योजना का अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। पहले इसे राज्य के 8 महानगरों में लागू किया जाएगा। इसके तहत इन्हें विशिष्ट पहचान पत्र दिए जाएंगे और इन्हें आधार से लिंक किया जाएगा। इससे इनकी पहचान और इनको मिलने वाली सुविधाओं का वास्तविक आकलन हो सकेगा।
हाल ही में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री ने लोकसभा में जानकारी दी कि देश में इस समय करीब 4.13 लाख से ज्यादा भिखारी हैं। इनमें से 2.21 लाख पुरुष और 1.91 लाख से अधिक महिला शामिल हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में इनमें वयस्क भिखारियों की संख्या साढ़े तीन लाख है। वही,ं 19 वर्ष तक के भिखारियों की संख्या 61 हजार से ज्यादा है। हालांकि भिखारियों को लेकर देश भर में कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है।
देश के 10 शहरों में भिक्षावृत्ति में लिप्त लोगों के व्यापक पुनर्वास पर पायलट परियोजना शुरू की गई थी। इनमें दिल्ली, बेंगलूरू, हैदराबाद, इंदौर, मुंबई लखनऊ, नागपुर, पटना, अहमदाबाद, चेन्नई शामिल हैं। हालांकि भिखारियों की जनगणना न होने के कारण वास्तविक लेखाजोखा न होना समस्या पैदा कर रहा है।

‘सिग्नल स्कूल’ से मिलेगा छुटकारा
अहमदाबाद महानगरपालिका ने चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों को पढ़ाई के लिए पायलट प्रोजेक्ट आरंभ किया है। महानगरपालिका स्कूल बोर्ड व गुजरात स्टेट लीगल अथॉरिटी के संयुक्त तत्वावधान में सिग्नल स्कूल शुरू किया गया है। इनमें शहर के विभिन्न चौराहों पर भीख मांगने वाले 6 से 14 वर्ष के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए 8 बड़ी बस का डिजाइन किया गया है। प्रत्येक बस में 2 शिक्षक व एक हेल्पर की व्यवस्था होगी। इन बच्चों की न सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दिया जाएगा बल्कि उन्हें मध्याह्न भोजन, नास्ता, स्कूल यूनिफॉर्म दी जाएगी। ध्यान रखा जाएगा कि भिक्षावृति को छुड़ाने के साथ-साथ उनका उज्जवल भविष्य हो।

वडोदरा से अभियान की शुरुआत
गुजरात सरकार ने वडोदरा से अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत भिखारियों व ऐसे लोगों की पहचानकर उन्हें रैनबसेरा में भेजा जाएगा। रैनबसेरे में इनकी देखभाल तब तक होगी जब तक ये अपने पैरों पर खड़े न हो जाएं। राज्य सरकार इन भिखारियों को कौशल आधारित प्रशिक्षण देने की भी योजना है।

‘सिग्नल स्कूल’ से मिलेगा छुटकारा
अहमदाबाद महानगरपालिका ने चौराहों पर भीख मांगने वाले बच्चों को पढ़ाई के लिए पायलट प्रोजेक्ट आरंभ किया है। महानगरपालिका स्कूल बोर्ड व गुजरात स्टेट लीगल अथॉरिटी के संयुक्त तत्वावधान में सिग्नल स्कूल शुरू किया गया है। इनमें शहर के विभिन्न चौराहों पर भीख मांगने वाले 6 से 14 वर्ष के बच्चों को पढ़ाया जाएगा। इसके लिए 8 बड़ी बस का डिजाइन किया गया है। प्रत्येक बस में 2 शिक्षक व एक हेल्पर की व्यवस्था होगी। इन बच्चों की न सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दिया जाएगा बल्कि उन्हें मध्याह्न भोजन, नास्ता, स्कूल यूनिफॉर्म दी जाएगी। ध्यान रखा जाएगा कि भिक्षावृति को छुड़ाने के साथ-साथ उनका उज्जवल भविष्य हो।

बंगाल में सबसे ज्यादा भिखारी
आंकाड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 81,244 भखारी हैं। उत्तर प्रदेश 65835 भिखारियों के साथ दूसरे स्थान पर है। इसी प्रकार आंध्र प्रदेश (3021) तीसरे और चौथे स्थान पर बिहार (29723) है। वहीं, मध्य प्रदेश 28695 के साथ पांचवें स्थान पर है। भीख मांगने में 19 वर्ष तक के बच्चों में सर्वाधिक 14500 यूपी में हैं। राजस्थान दूसरे स्थान पर है। इसके बाद बिहार, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र है। देश में सबसे कम 2 भिखारी लक्षद्वीप में हैं। दादरा नगर हवेली व दीव दमण में 41, पुदुचेरी में 99 भिखारी हैं।

उत्तर पूर्वी राज्यों की बेहतर स्थिति
देश के उत्तर पूर्वी राज्य बेहतर स्थिति में हैं। इनकी संख्या में मिजोरम में 53, सिक्किम में 68, अरूणाचल प्रदेश में 111, नागालैण्ड में 124, मणिपुर में 263, मेघालय में 396 है। सिर्फ त्रिपुरा में 1490 और असम में 22116 यह संख्या ज्यादा है।

कोर्ट ने बताया सामाजिक-आर्थिक मुद्दा
सामाजिक सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में सार्वजनिक स्थलों व ट्रैफिक जंक्शन से सभी भिखारियों को हटाने संबंधी याचिका पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत इस पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती। शीर्ष अदालत कह चुकी है कि कोई भी व्यक्ति भीख नहीं मांगना चाहता। यह एक सामाजिक-आर्थिक मुद्दा है। यह एक मानवीय समस्या है जिसके लिए कल्याणकारी राज्य को समझना होगा।

शिक्षा से वंचित नहीं रहे कोई
चौराहों पर भीख मांगने वालों के साथ-साथ शहर का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे इस उद्देश्य से सिग्नल स्कूल आरंभ किया जाएगा। इसके तहत फिलहाल 10 बसों से पढ़ाई आरंभ की जाएगी।
- डॉ सुजय मेहता, अध्यक्ष, नगर प्राथमिक शिक्षा समिति, अहमदाबाद महानगरपालिका

इन राज्यों में भिखारियों की संख्या
पश्चिम बंगाल 81244
यूपी 65835
आंध्र प्रदेश 30218
बिहार 29723
मध्य प्रदेश 28695
राजस्थान 25853
महाराष्ट्र 24307
असम 22116
गुजरात 13445
झारखंड 10819
छत्तीसगढ़ 10198