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Danger: प्लास्टिक से Birds को खतरा, बचाना होगा इनका जीवन

इस दौरान कुलपति ने विश्वविद्यालय में सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम की घोषणा की।

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migratory birds in ajmer

migratory birds in ajmer

अजमेर. प्लास्टिक (single use plastic) परिंदों के लिए खतरा है। हमें इनका जीवन बचाने के लिए प्लास्टिक को खत्म करने की जरूरत है। यह बात महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने विश्व प्रवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कही।

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पर्यावरण विज्ञान (environment dept) विभाग में आयोजित समारोह में प्रो. सिंह ने कहा कि पक्षी ना केवल हमारे मेहमान बल्कि देश-दुनिया की शान हैं। पर्यटक (tourist) पक्षियों (birds) और वन्य जीवों को देखने सुदूर प्रांतों मे जाते हैं। लेकिन अवैध खनन (illegal mining), जैव विविधता (flora and fauna) में कमी और प्लास्टिक प्रदूषण (pollution) से परिंदों का जीवन खतरे में है। हमें प्रवासी पक्षियों को प्राकृतिक खान-पान और वातावरण मुहैया कराना होगा। अजमेर (ajmer) वास्तव में खूबसूरत शहर है। यहां के मनोरम नजारे किसी वैश्विक पर्यटक स्थल (toursit point) के समान हैं। इस दौरान कुलपति ने विश्वविद्यालय में सिंगल यूज प्लास्टिक की रोकथाम की घोषणा की।

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परिन्दों की दुनिया अद्भुत

विभागाध्यक्ष प्रो. प्रवीण माथुर ने कहा कि कुदरत (nature) ने अजमेर सहित अधिकांश शहरों को खूबसूरत नजारे और पक्षियों (migratory birds) को देखने का सौभाग्य दिया है। परिन्दों की दुनिया अद्भुत है। हमें जैव विविधता, पक्षियों (birds in ajmer), वन्य जीवों (wild animals) के संरक्षण की बागडोर संभालनी चाहिए। प्लास्टिक (plastic) को आहार (food) समझकर परिंदे इनका सेवन कर लेते हैं। हमें प्लास्टिक और अन्य हानिकारक (harmful)वस्तुओं का इस्तेमाल रोकना चाहिए।

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नम भूमि घटना चिंताजनक
बर्ड कंजर्वेशन सोसायटी के अध्यक्ष महेंद्र विक्रम संह ने कहा कि आनासागर झील (anasagar lake) के आसपास नम भूमि (wet land) कम होना चिंताजनक है। प्रवासी पक्षियों के लिए यहां पेड़ों के ठूंठ, झाडिय़ों के बीचछुपने का अवसर मिलता है। राजस्थान पत्रिका, वन विभाग और अन्य संस्थाओं ने बर्ड फेयर के माध्यम से लोगों को पक्षियों के बारे में जागरुक किया है। हमें झील (lake) और पक्षियों का संरक्षण (bird conservation) करन चाहिए। इस दौरान प्रो. बी. पी. सारस्वत, प्रो. शिवदयाल सिंह, प्रो. सुब्रतो दत्ता, प्रो. अरविंद पारीक और अन्य मौजूद थे।

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