अजमेर जिले की आबादी करीब 25.83 लाख है। आम लोग, व्यापारी, हलवाई अजमेर डेयरी के अलावा अमूल और निजी डेयरी सहित पशुपालकों के दूध पर निर्भर हैं। 22 मार्च को जनता कफ्र्यू और इसके बाद 25 मार्च से शुरु हुए लॉकडाउन से दूध व्यवसाय पर असर पडऩे लगा है।
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घटाई दूध की खरीदलॉकडाउन के चलते डेयरी, हलवाई, मावा व्यापारियों तक दूध की पर्याप्त सप्लाई नहीं पहुंची। यह दूध जीप, टैंकर और अन्य माध्यमों से पहुंचता है। दुकानें बंद होने से व्यापारियों ने दूध की सप्लाई नहीं ली। यही हाल चाय की थडिय़ों, होटल-मॉल, कैफेटेरिया का है।
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ब्यावर, केकड़ी, किशनगढ़, पुष्कर, नसीराबाद, मसूदा, भिनाय उपखंड सहित अजमेर जिले में हजारों पशुपालक हैं। यह घरों, हलवाई की दुकानों, प्रतिष्ठानों तक दूध पहुंचाते हैं। लॉक डाउन से पशुपालकों पर भी संकट मंडराया है। घरों में सप्लाई के बाद पशुपालकों के पास औसतन 5 से 10 लीटर दूध बच रहा है। इसके अलावा उन्हें पशु आहार समय पर नहीं मिलने पर दुग्ध उत्पादन कम होने की चिंता सता रही है।
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हम पूरी तरह तैयारलॉकडाउन 14 अप्रेल तक चलना है। अजमेर डेयरी पूरे जिले में नियमित दूध सप्लाई के लिए तैयार है। हम जिले में 4 से 5 लाख लीटर पहुंचा सकते हैं। डेयरी में दूध का पर्याप्त स्टोरेज भी किया जा सकता है।
रामचंद्र चौधरी, अध्यक्ष अजमेर डेयरी