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MDSU: विभागों की ई-लेक्चर से दूरी, कैसे चलेगी ऑनलाइन पढ़ाई!

विश्वविद्यालय में एकाध को छोड़कर ज्यादातर विभागों में ई-लेक्चर नहीं किए हैं अपलोड। विद्यार्थियों के लिए नहीं है ऑनलाइन टीचिंग की व्यवस्था।

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e-lecture system fails in mdsu

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अजमेर. कोरोना संक्रमण के चलते राज्य के कई यूनिवर्सिटी-स्कूल-कॉलेज स्तर तक ई-लेक्चर अथवा ऑलाइन पढ़ाई कराई जा रही है। लेकिन महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को इससे सरोकार नहीं है। कैंपस में संचालित एकाध कोर्स को छोड़कर ज्यादातर विभागों के शिक्षकों ने वेबसाइट पर ई-लेक्चर अपलोड नहीं किए हैं। विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई का विकल्प उपलब्ध नहीं है।

बीते दो साल से कोरोना संक्रमण ने देश की ऑफलाइ शैक्षिक व्यवस्था को जबरदस्त चुनौती दी है। साल 2022 में भी ओमिक्रॉन वायरस का खतरा बरकरार है। कई संस्थानों ने ऑनलाइन शिक्षण को बढ़ावा देने की तरफ कदम बढ़ा लिए। शिक्षक विषयवार ई-लेक्चर बनाकर वेबसाइट अथवा वॉट्सएप ग्रुप पर अपलोड कर रहे हैं। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में भी इसकी शुरुआत हुई। लेकिन दो साल में भी ऑनलाइन टीचिंग रफ्तार नहीं पकड़ पाई है।

एक-दो विभागों के लेक्चर

विवि में 25 से ज्यादा विभाग संचालित हैं। वेबसाइट पर कॉमर्स-मैनेजमेंट, प्योर एंड एप्लाइड केमिस्ट्री, पर्यावरण विज्ञान को छोड़कर अन्य विभागों के ई-लेक्चर ही अपलोड नहीं हैं। विद्यार्थी ऑनलाइन पढऩा चाहे तो कोई विकल्प नहीं है। ऐसा तब है जबकि कुलपति कई बार ऑनलाइन शिक्षण और ई-कंटेंट को बढ़ावा देने की बात कह चुके हैं। पूर्व कुलपति प्रो.पी.सी.त्रिवेदी ने तो ई-कंटेंट पर विशेष जोर दिया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

ना एप ना वीडियो-लेक्चर

विश्वविद्यालय ने कोई मोबाइल एप अथवा वीडियो-ई-लेक्चर बनाने के प्रयास नहीं किए हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज, एसपीसी-जीसीए, राजकीय कन्या महाविद्यालय, सोफिया कॉलेज दो साल में दो हजार से ज्यादा ई-लेक्चर, पीपीटी, वीडियो अपलोड कर चुके हैं।

ये मिल सकता है फायदा.....
-पढ़ सकते हैं किसी भी शिक्षक के वीडियो से

-विवि के सम्बद्ध कॉलेज विद्यार्थियों को फायदा
-ई-कंटेंट में सुधार और नवाचार संभव

-पढ़ाई के लिए मिल रहा बेहतर ऑनलाइन विकल्प
-ऑफलाइन क्लास के साथ-साथ ऑनलाइन पढ़ाई

फैक्ट फाइल

25 से ज्यादा विभाग हैं विवि में
800 से ज्यादा विद्यार्थी हैं कैंपस में

300 सम्बद्ध कॉलेज जुड़े हैं विवि से
3.50 लाख विद्यार्थी की होती है परीक्षा


21 वीं सदी में विद्यार्थियों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और पाठ्यक्रमों को आकर्षक-जॉब ओरिएन्टेड बनाना आवश्यक है। ई-लेक्चर नियमित अपलोड होने चाहिए। ताकि विद्यार्थी ऑनलाइन भी पढ़ें। कैंपस में संचालित विभागों के डिजिटल कंटेंट-ई-लेक्चर जल्द वेबसाइट पर अपलोड कराए जाएंगे।

प्रो. अनिल कुमार शुक्ला कुलपति, मदस विवि

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