
law college student union
अजमेर.
लॉ कॉलेज (law college ajmer) के तीन पदाधिकारियों को जबरदस्त झटका लगा है। यहां अध्यक्ष और महासचिव एलएलबी द्वितीय वर्ष तथा उपाध्यक्ष प्रथम वर्ष के एक-एक पेपर में बैक (back) आई है। लिंगदोह समिति (lingdoh committee) के नियमानुसार तीनों के पदों पर संकट मंडरा गया है। कॉलेज प्रशासन नियमों का अवलोकन और कॉलेज शिक्षा निदेशालय (director college education) के निर्देशानुसार कार्रवाई करेगा।
लॉ कॉलेज में बीते 27 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव (student union election) हुए थे। इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (abvp) के हिमांशु चौहान अध्यक्ष, अनिल कुमावत उपाध्यक्ष, निखिल कसोटिया महासचिव और दीपक सेन संयुक्त सचिव नियुक्त हुए। इनके खिलाफ रामकिशोर जाजड़ा ने अध्यक्ष, फैसल खान ने उपाध्यक्ष, कुलदीप सैन ने महासचिव और अनिल गुर्जर ने संयुक्त सचिव पद बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा था।
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यह रहे तीनों के परिणाम...
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer)ने एलएलबी द्वितीय और प्रथम वर्ष के नतीजे घोषित किए हैं। लॉ कॉलेज में एलएलबी द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत अध्यक्ष हिमांशु चौहान और महासचिव निखिल कासोटिया को कॉन्सिटीट्यूशन लॉ इंडिया (constituition law india) में क्रमश: 19 और 10 नंबर मिले। चौहान का पेपर ड्यू और कासोटिया इससे दोनों के पेपर बकाया (ड्यू) हो गए हैं। उपाध्यक्ष अनिल कुमावत के प्रथम वर्ष एलएलबी में हिंदू लॉ (hindu law) विषय पेपर में 15 नंबर आए। उसका भी यह पेपर ड्यू हो गया है।
क्या कहते हैं लिंगदोह समिति के नियम
छात्रसंघ चुनाव जे.एम. लिंगदोह समिति के नियमानुसार (lingdoh committee) होते हैं। नामांकन से पहले चुनाव लडऩे वाले सभी प्रत्याशियों से शपथ पत्र लिया जाता है। इसमें सजायाफ्ता मुजरिम नहीं होने, वार्षिक/सेमेस्टर परीक्षा परिणाम में कोई पेपर बकाया/अनुत्तीर्ण (due paper) नहीं का जिक्र होता है। समिति के नियमानुसार ऐसे निर्वाचित (elected) अथवा चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी (candidates) पदाधिकारी पद पर रहने/चुनाव लडऩे के योग्य नहीं होते हैं।
नामांकन के दौरान नियमानुसार शपथ पत्र लिए गए थे। तीनों छात्रों के पेपर ड्यू या पूरक आई है, तो वे पद पर नहीं रह सकते। हम नियमों का अवलोकन और निदेशालय के निर्देशानुसार फैसला करेंगे।
डॉ. विभा शर्मा, कार्यवाहक प्राचार्य लॉ कॉलेज
तीनों पदाधिकारी अब पद पर रहने योग्य नही हैं। नियमानुसार कार्रवाई नहीं हुई तो हम अदालत में याचिका दायर करेंगे।
धर्मेन्द्र बाज्या, पूर्व छात्रसंघ महासचिव
तीनों छात्रों के वार्षिक परिणाम अपेक्षानुसार नहीं रहे हैं। लेकिन पुनर्मूल्यांकन आवेदन देंगे। संयुक्त सचिव ही छात्रसंघ कार्यकारिणी संभालेगा।
सोहन शर्मा, संगठन मंत्री अभाविप
Published on:
23 Sept 2019 09:14 am
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