यही कारण है बाजार (ajmer market)में बिक्री के लिए बही खाते भी उपलब्ध हो रहे हैं। ये विभिन्न रेंज में दस रुपए से लेकर पांच सौ रुपए तक में है। नई पीढ़ी के कुछ लोग आधुनिक लैपटॉप और कंप्यूटर की भी पूजा करने लगे हैं, लेकिन अधिकांश व्यापारी अब भी बही-खातों से ही दिवाली का पूजन (
diwali poojan)करते हैं।
व्यापारियों का कहना है कि कंप्यूटर अपनी जगह है, बही-खाते अपनी जगह है।ये पुरखों की बताई पूजा की विधि है और बही-खातों के साथ दवात, कलम, नापने के गज और कैंची की भी पूजा होती है। यह जरूर है कि समय के साथ बदलाव आए हैं और इनका चयन घटा है लेकिन बंद नहीं हुआ है।