
Diwali 2019 : दीवाली पर अभी भी बरकरार है पारंपरिक बहीखातों का चलन
अजमेर/ब्यावर . वर्तमान में भले ही हिसाब किताब का काम काज व्यापारी लेपटॉप व कम्प्यूटर पर कर रहे हो, लेकिन आज भी पारम्परिक( traditional diwali poojan )बही खाते चलन में है और लोगों में उनका क्रेज बरकरार है। दीपावली (diwali 2019)लक्ष्मी पूजन पर व्यापारी अब भी बही-खातों की ही पूजा करते हैं।
यही कारण है बाजार (ajmer market)में बिक्री के लिए बही खाते भी उपलब्ध हो रहे हैं। ये विभिन्न रेंज में दस रुपए से लेकर पांच सौ रुपए तक में है। नई पीढ़ी के कुछ लोग आधुनिक लैपटॉप और कंप्यूटर की भी पूजा करने लगे हैं, लेकिन अधिकांश व्यापारी अब भी बही-खातों से ही दिवाली का पूजन (diwali poojan)करते हैं।
व्यापारियों का कहना है कि कंप्यूटर अपनी जगह है, बही-खाते अपनी जगह है।ये पुरखों की बताई पूजा की विधि है और बही-खातों के साथ दवात, कलम, नापने के गज और कैंची की भी पूजा होती है। यह जरूर है कि समय के साथ बदलाव आए हैं और इनका चयन घटा है लेकिन बंद नहीं हुआ है।
Published on:
26 Oct 2019 12:58 pm
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