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महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाल में कुलपति ने कहा कि पीएचडी केवल औपचारिकता नहीं होनी चाहिए। शोध पर्यवेक्षक ईमानदारी से थीसिस तैयार कराएं और विषय-वस्तु तथा सामग्री को जांचे। शोधार्थियों को भी कॉपी और पेस्ट करने की प्रवृत्ति बदलकर विषय का गहन अध्ययन करना चाहिए, तभी शोध समाज उपयोग होगा। यह भी पढ़ें
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हम करेंगे कार्रवाई
जिन थीसिस में 10 प्रतिशत से अधिक नकल मिलेगी उन पर्यवेक्षकों को डिबार किया जाएगा। अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी। इस दौरान उन्होंने एक शोधार्थी द्वारा नकल किए जाने का किस्सा भी सुनाया। राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. विजय कुमार ने उरकुंड सॉफ्टवेयर की तकनीकी जानकारी दी।
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निदेशक संजय जैन ने प्रतिवेदन पेश किया। समन्यवक डॉ. अश्विनी तिवारी ने यूजीसी के सॉफ्टवेयर उरकुण्ड, शोध गंगोत्री पर पंजीयन, सिनोपसेस अपलोड कर बिंदुओं को चेक करना बताया। इस दौरान 245 शोध पर्यवेक्षक और 700 शोधार्थी मौजूद रहे। यह भी पढ़ें