
Sariska Sanctuary : अलवर में सरिस्का क्रिटिकल टाइगर हैबीटेट (सीटीएच) का निर्धारण टाइगर ब्रीडिंग पैटर्न पर होगा। यानी जहां टाइगरों का कुनबा बढ़ रहा है या फिर जहां ज्यादा टाइगर निवास करते हैं, वह एरिया बढ़ेगा और जहां कम हैं और भविष्य में कुनबा बढ़ने की संभावना नहीं है, वह एरिया कम होगा। तालवृक्ष, टहला, अकबरपुर में सीटीएच एरिया बढ़ने की संभावना है। राजगढ़ में कम हो सकता है। इसका ड्राफ्ट सरिस्का प्रशासन को 30 अप्रेल तक तैयार कर सरकार को भेजना है। इसकी जांच पांच जगह होगी।
यदि ड्राफ्ट के जरिए बंद हुई खानों या होटलों को बचाने की कोशिश हुई तो यह सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीईसी) के निरीक्षण में पकड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में यह ड्राफ्ट तभी पेश होगा, जब सीईसी इसे मंजूर कर देगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही सीटीएच का पुनर्निधारण हो रहा है। इसको लेकर सरिस्का प्रशासन ने अलवर, बानसूर, राजगढ़, रैणी समेत सभी डीएफओ के साथ तीन बैठक की हैं। सरिस्का प्रशासन के मुताबिक, सभी रेंज में टाइगर निवास करते हैं। अलवर रेंज में एरिया बढ़ने की संभावना है।
राजगढ़ एरिया का सीटीएच कुछ कम हो सकता है। बताते हैं कि इस एरिया में 35 से ज्यादा होटल सीटीएच से एक किमी के दायरे में आ रहे हैं। हालांकि सरिस्का प्रशासन का कहना है कि लोग अफवाह उड़ा रहे हैं कि खानों व होटलों को बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं है।
सरिस्का प्रशासन की ओर से जैसे ही सीटीएच का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, उसके बाद प्रदेश सरकार इसकी जांच करेगी। केंद्र सरकार के अलावा एनटीसीए जांच करेगी। उसके बाद सीईसी यहां आकर निरीक्षण करेगी। यह देखा जाएगा कि जो एरिया घटाया या बढ़ाया गया है, वह सही है या नहीं।
यह ड्राफ्ट तैयार कर अप्रेल में सरकार को भेजा जाएगा। इसकी पांच जगह पर जांच होगी। सीईसी भी यहां निरीक्षण के लिए आखिर में आएगी।
संग्राम सिंह कटियार, क्षेत्र निदेशक सरिस्का
Published on:
22 Mar 2025 01:00 pm
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