लड़की को बनाए थे बंधक
कोतवाली टांडा क्षेत्र के सकरावल मुहल्ले की सूफिया खातून के घर एक महिला खदीजा खातून, जो बस्ती जिले के गाय घाट की निवासी थी। पिछले कई महीने से अपनी 14 साल की लड़की के साथ रह रही थी, जहां सूफिया और खदीजा दोनों मिलकर इस लड़की को बंधक बनाए हुए थे और लगातार इसका उत्पीड़न कर रहे थे। इसका खुलाशा तब हुआ जब खदीजा खातून अपनी नाबालिग बेटी टांडा के मुमताज गंज मुहल्ले में लेजाकर अकेला छोड़ दी और खुद कहीं भाग गई। काफी समय तक मां के न मिलने पर जब यह लड़की रोने लगी तो वहीं पास के नसीम नाम के व्यक्ति को यह मिली, जिन्होंने उसका हाल जानने के बाद रात भर अपने घर पर परिवार के साथ सुरक्षित रखा। जिस नसीम के घर में फातिमा जोहरा को पहुंची, वहां के लोग शरीफ निकले और जब इस लड़की से थोडा पूछ ताछ किया गया तो उसकी मां और सूफिया की ज्यादती सामने आ गई।
महीनों से कर रहे थे उत्पीड़न
लड़की ने इस परिवार को बताया कि वह बस्ती जिले के गाय घाट की रहने वाली है और उसके पिता अफरोज आलम की मृत्यु हो चुकी है। पिता की मृत्यु के बाद लड़की की मां उसे लेकर टांडा आई और कई कई महीनों से उसके साथ दोनों मिलकर उत्पीड़न करते रहे। अब यहां लावारिश हालत में छोड़कर उसकी मां कहीं भाग गई। सहारा देने के बजाय सगी मां और इस महिला ने इस बेटी का किया उत्पीड़न- फातिमा जोहरा की मां खदीजा खातून पिता की मृत्यु के बाद उसे लेकर टांडा आ गई थी और सूफिया के साथ ही रहती थी।
जानकारी के अनुसार सूफिया और खदीजा कोई अच्छा कार्य नहीं करते थे और इस लड़की को बंधक के तौर पर रखते रहे। कई महीने से उसे घर के बाहर तक नहीं जाने दिया। यहां तक कि फातिमा को उस मोहल्ले के आस पास की गली तक में नहीं निकलने दिया। सूफिया और खदीजा मिलकर फातिमा से सारे घर के काम कराती थी और बदले में उसकी पिटाई के साथ साथ तरह तरह से उत्पीडन भी करती रही फातिमा को बंधक बना कर रखने वाली सूफिया और खदीजा जब कभी घर से बाहर जाती थी तो उसे कमरे में बंद कर देती थी। अब जब फातिमा की मां खदीजा कहीं भागने का इंतजाम कर ली तो उसे लेकर सूफिया के घर से बाहर निकल गई और लावारिश हालत में छोड़कर फरार हो गई, लेकिन फातिमा नसीम के परिवार में पहुंच गई, जहां से उसे पूरी सुरक्षा मिल गई। वरना कौन जाने उसके साथ क्या घटना घाट जाती।
इस सामजिक संगठन ने किया बेटी की मदद- 14 साल की इस मासूम बेटी की दशा देखकर और उसके साथ किये गए अत्याचार की जानकारी होने के बाद जब नसीम का परिवार उसकी मदद के लिए लोगों से सलाह किया तो वहीँ पास में सामाजिक संगठन जनहित कल्याण संस्थान के अध्यक्ष आशीष विश्वकर्मा को हुई। आशीष विश्वकर्मा ने अपने अन्य सहयोगियों की मदद से लड़की के घर के बारे में पूरी जानकारी की तो पता चला कि ये लोग बस्ती जिले के गायघाट के रहने वाले हैं और पिता के न होने के कारण उसकी माँ उसे लेकर टांडा चली आई थी, जिसके बाद उसकी माँ घर वापस नहीं गई । उसके ननिहाल के बारे में भी पता चला, लेकिन ननिहाल के लोग उसे ले जाने से मना कर दिया । बाद में आशीष विश्वकर्मा ने इसकी सूचना पुलिस को दी और पुलिस के साथ मिलकर लड़की का पहले चिकित्सीय परीक्षण कराया गया और बाद में उसे जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष के सामने पेश किया गया।
जिला बाल कल्याण समिति के निर्देश पर इस बेटी फातिमा जोहरा को पुलिस और सामाजिक संगठन जनहित कल्याण के सहयोग से सुल्तान पुर जिले में स्थित प्रियदर्शनी बाल गृह को भेज दिया गया । अपनी बेटी बताकर पुलिस से मांगने गई थी सूफिया- नाबालिग फातिमा जोहरा के साथ पांच महीने तक उत्पीडन करने वाली उसकी सूफिया टांडा में काफी चर्चित महिला है और इस तरह के कई विवादों से इसका पुराना नाता है । सूफिया पहले कई राजनीतिक पार्टियों में भी शामिल रही और अपनी हरकतों के कारण चर्चित रही है । इस लड़की को छोड़कर जब उसकी माँ भाग गई और मामला पुलिस के पास पहुँच गया तो सूफिया वहां पहुंचकर फातिमा को अपनी बेटी बताते हुए पुलिस से उसे मांगने लगी, लेकिन फातिमा ने उसे अपनी माँ न कहते हुए उसके साथ जाने से मना कर दिया, जिसके बाद उसे बल संरक्षण गृह को भेज दिया गया है । सामाजिक संगठन जनहित कल्याण संस्थान द्वारा इस बेटी के लिए किये गए प्रयासों की सभी लोग सराहना कर रहे हैं । ।