
Student Anmol Ekka who died (Photo- Patrika)
अंबिकापुर/बलरामपुर। बलरामपुर में मेडिकल दुकान संचालक द्वारा इंजेक्शन लगाए जाने के बाद चौथी कक्षा के एक छात्र की तबियत बिगड़ गई। उसे जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर रेफर किया गया, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले (Big incident) में मृत छात्र के परिजनों ने मेडिकल दुकान संचालक पर आरोप लगाते हुए कहा कि इंजेक्शन देने के बाद उनके बेटे की हालत बिगड़ गई थी। दरअसल छात्र के पैर में घाव था, जिसका इलाज कराने परिजन स्थानीय मेडिकल दुकान में गए थे। इधर मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने दुकान को सील कर दिया है।
बलरामपुर के वार्ड क्रमांक 8 निवासी 8 वर्षीय अनमोल एक्का पिता जितेंद्र एक्का चौथी कक्षा का छात्र था। वह बलरामपुर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में पढ़ाई करता था। उसके घुटने में चोट लगी थी। बुधवार को परिजन उसे लेकर स्थानीय शंभू मेडिकल दुकान में पहुंचे। यहां मेडिकल दुकान संचालक ने घाव की साफ-सफाई कर इंजेक्शन लगाया।
इंजेक्शन लगाते ही छात्र की तबियत अचानक बिगड़ (Big incident) गई। आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां छात्र की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाते समय रात करीब 12 बजे उसकी रास्ते में ही मौत हो गई। छात्र की मौत से परिजनों में मातम पसर गया है।
छात्र अनमोल एक्का अपने माता-पिता का एकलौता पुत्र था। पुत्र की मौत (Big incident) से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस मामले में मृत छात्र के परिजनों ने शंभू मेडिकल दुकान के संचालक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इंजेक्शन लगाने के बाद ही अनमोल की तबियत बिगड़ी थी।
बलरामपुर सीएमएचओ बसंत सिंह ने बताया कि परिजनों व विभाग द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज (Big incident) करा दी गई है। राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा एसडीएम, तहसीलदार, बीएमओ व पुलिस बल की मौजूदगी में जांच के बाद शंभू मेडिकल दुकान को सील कर दिया गया है।
दुकान संचालक के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की जा रही है। ड्रग विभाग द्वारा भी अलग से कार्रवाई की जाएगी। वहीं थाना प्रभारी भापेंद्र साहू का कहना है कि दुकान संचालक फरार है, उसकी तलाश की जा रही है।
बताया (Big incident) जा रहा है कि शंभू मेडिकल दुकान का संचालक बलरामपुर जिले के ग्राम दहेजवार निवासी शंभू विश्वकर्मा 8-10 वर्ष पूर्व अवैध क्लीनिक का संचालन करता था। इस दौरान प्रशासन ने छापा मारकर क्लीनिक बंद करा दिया था। इसके बाद उसने मेडिकल दुकान खोली। दुकान के पीछे ही वह एक रूप में काफी दिनों से वहां पहुंचने वाले मरीजों का इलाज करता था।
Updated on:
25 Sept 2025 06:21 pm
Published on:
25 Sept 2025 06:07 pm
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