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नई दिल्ली। विश्व पटल पर अमरीकी क्रांति का जिक्र सबसे पहले किया जाता है। अमरीका की क्रांति कुछ और नहीं, बल्कि ग्रेट ब्रिटेन और उसके उपनिवेशों के बीच आर्थिक हितों को लेकर पैदा हुआ आपसी टकराव था। हालांकि इस क्रांति के दूरगामी परिणाम हुएं क्रांति के बाद विश्व के इतिहास में एक नए संयुक्त राज्य अमरीका उभर कर आया।
दरअसल, क्रांति के बाद स्वतंत्रता मिलने पर इन उपनिवेशों ने अपने देश में एक प्रजातांत्रिक शासन की स्थापना की। दरअसल, यह वजह से भी अधिक महत्वपूर्ण है कि जब संसार के सभी देशों में राजतंत्रात्मक शासन व्यवस्था स्थापित थी। ऐसे में अमरीका में प्रजातांत्रिक शासन की नींव पड़ना बड़ी घटना था। नए संयुक्त राज्य अमरीका के जन्म ने पूरी दुनिया के सामने चार नए राजनीतिक आदर्श गणतंत्र, जनतंत्र संघवाद और संविधानवाद को पेश किया। हालांकि ये सिद्धान्त पहले भी चलन में थे, लेकिन अमरीका इसको पूरी तरह से व्यवहार में लेकर आया। गणतंत्र की स्थापना अमरीकी क्रांति की ही सबसे बड़ी देन बताया जाता है।
धार्मिक प्रभाव
स्वतंत्रता के बाद संयुक्त राष्ट्र अमरीका ने सबसे पहले धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की स्थापना की ओर कदम बढ़ाए। अमरीका ने नए संविधान को स्वीकार किया, जिसके चलते चर्च को राज्य से अलग कर दिया गया। इस तरह से अमरीका में एक धर्मनिरेपक्ष समाज की स्थापना हुई
सामाजिक प्रभाव
अमरीकी क्रांति का सबसे बड़ा असर वहां की सामाजिक स्थिति पर पड़ा। यह क्रांति का परिणाम था कि अमरीकाी जनता को एक परिवर्तित सामाजिक व्यवस्था देखने को मिली। इस व्यवस्था में सबसे अधिक बल मानवीय समानता पर दिया गया। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह था कि अब स्त्रियों को संपत्ति पर पुत्र के समान उत्तराधिकार मिलने लगा। महिलाओं की शिक्षा के लिए स्कूल खाले गए। इस तरह से महिलाओं को पहले बार शक्ति प्रदान करने का प्रयास किया गया।
आर्थिक प्रभाव
अमरीकी क्रांति ने वहां के आर्थिक क्षेत्र में आमूल—चूल परिवर्तन ला लिया। क्रांति ने पूंजीवादी अर्थव्यवस्था सभी बाधाओं को खत्म कर दिया और विकास के नए मार्ग खोल दिए। अब खनिज संसाधनों और वन साधनों पर से राजशाही स्वामित्व का अंत हो गया। जिसके बाद साहसिक वर्ग ने इन संसाधनों का स्वतंत्रतापूर्वक इस्तेमाल किया।
Updated on:
04 Jul 2018 02:57 pm
Published on:
04 Jul 2018 02:08 pm
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