World AIDS Day : आज विश्व एड्स दिवस है। राजस्थान से आने वाले आंकड़ें चौंकाने वाले हैं। एड्स अब गांवों में भी पैर पसार रहा है। राजस्थान में एड्स युवाओं को घेर रहा है। बांसवाड़ा में में करीब 2500 संक्रमित पंजीकृत हैं।
World AIDS Day : अभी तक बड़े शहरों में पैर फैलाने वाला एचआईवी संक्रमण अब छोटे शहरों और कस्बों में भी पैर पसारने लगा है। स्थिति यह है कि बांसवाड़ा में अभी तक 2500 से अधिक संक्रमित पंजीकृत हो चुके हैं। ये वह संक्रमित हैं, जिन्होंने बांसवाड़ा के ART सेंटर में पंजीयन कराए। कई ऐसे भी हैं, जो बांसवाड़ा से बाहर उपचार करा रहे हैं। संक्रमण की स्थिति को जानने के लिए जब पत्रिका टीम ने जानकारी जुटाई तो चिंताजनक आंकड़े समाने आए। यह संक्रमण युवाओं को अधिक चपेट में ले रहा है। पंजीकृत संक्रमितों में से 1036 रोगियों की उम्र 30 से 40 आयु वर्ष के बीच है। बांसवाड़ा ही नहीं समूचे प्रदेश की बात करें तो हालात गंभीरता की ओर इशारा कर रहे है। विभाग की ओर से जुटाई गई जानकारी के अनुसार बीते वर्ष अप्रेल तक प्रदेश में 50558 लोग ऐसे थे, जो एआरवी ड्रग का सेवन कर रहे थे।
एचआईवी संक्रमण के प्रति आमजन को जागरूक करने, पीड़ितों को उपचार सेवाएं प्रदान करने की दिशा में सरकार और चिकित्सा विभाग तेजी से और व्यापक स्तर पर कार्य कर रहा है। ताकि अधिक से अधिक लोगों को संक्रमण के प्रति जागरूक किया जा सके। इसके अलावा प्रदेश में 28 एआरटी, 7 पीपीपी मोड पर एआरटी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 21 लिंक एआरटी सेंटर भी अप्रेल 2023 तक कार्यरत थे। प्रदेश में एचआई संक्रमण को लेकर राजस्थान स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी व्यापक स्तर पर विविध जागरूकता कार्यक्रम चलाती आई है।
वर्ष - नए मरीज
2019 - 257
2020 - 114
2021 - 138
2022 - 171
2023 - 212
2024 - 214 (नवंबर तक)
वर्ग - दवा लेने वाले
पुरुष - 24700
महिला - 22106
बच्चे - 3680
अन्य - 72
कुल - 50558
(अप्रेल 2023 तक एआरवी दवा लेने वाले मरीज)
बांसवाड़ा - 1902
डूंगरपुर - 50
प्रतापगढ़ - 556
कुल - 2594
बीते पांच वर्ष में संक्रमितों की संख्या आश्चर्यजनक रूप से बढ़ रही है। यहां प्रत्येक वर्ष तकरीबन 20 से अधिक नए संक्रमित बांसवाड़ा के एआरटी सेंटर में पंजीकृत हो रहे हैं।
एचआईवी के संक्रमितों में चिंताजनक यह जानकारी भी सामने आई कि इन मरीजों में समलैंगिता से पीड़ित हुए मरीज भी आ रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो 20 पुरुष समलैंगिता से पीड़ित हो एचआईवी के शिकार हो चुके हैं।
सरकार और विभाग की ओर से एचआईवी जागरूकता को लेकर विविध कार्यक्रम संचालित हैं। ताकि अधिक से अधिक लोगों के संक्रमण के दुष्प्रभावों से अवगत कराया जा सके। एमजी अस्पताल में संचालित एआरटी सेंटर में काउंसलिंग और चिकित्सकों द्वारा परामर्श की सुविधा। विशेष ध्यान दिया जाता है कि मरीज की पहचान उजागर न हो सके।
डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़, पीएमओ, महात्मा गांधी चिकित्सालय बांसवाड़ा