भिलाई

अच्छी खबर! छत्तीसगढ़ के 67 कॉलेजों में बीकॉम पढ़ने वाले कर पाएंगे बीएड, इस तरह होगा कोर्स, जानें..

Chhattisgarh Education News: भिलाई जिले में नए शैक्षणिक सत्र 2026-27 से प्रदेशभर के बीकॉम के विद्यार्थी भी बीएड कर पाएंगे।

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Feb 25, 2025

CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में नए शैक्षणिक सत्र 2026-27 से प्रदेशभर के बीकॉम के विद्यार्थी भी बीएड कर पाएंगे। इसको लेकर प्रदेश के 67 कॉलेजों समेत दुर्ग जिले के 9 और संभाग के 15 कॉलेजों ने बीकॉम बीएड शुरू करने के लिए नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन यानी एनसीटीई को आवेदन किया है।

CG News: अगले साल से आईटीईपी से चलेगा बीएड

बीकॉम में बीएड का यह स्पेशल कोर्स उन्हीं कॉलेजों में चला पाएंगे, जहां पहले से बीकॉम स्नातक की पढ़ाई हो रही है। इसके अलावा हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से भी जरूरी प्रक्रियाएं तेज हो गई हैं। यह चार साल का कोर्स होगा, जिसमें स्कूल से कॉमर्स पढ़कर आए छात्र एडमिशन ले सकेंगे। उन्हें पहले तीन साल बीकॉम की तालीम दी जाएगी, उसके बाद बीकॉम बीएड के कोर्स शुरू होंगे। इस बीच उन्हें टीचिंग लर्निंग और बीएड के कई सारे तथ्य भी पढ़ाए जाएंगे।

दरअसल, एनसीटीई यह कोर्स जिले के उन्हीं कॉलेजों को दे रहा है, जिनका बीएड में 10 साल से अधिक का अनुभव है। इसके अलावा स्नातक स्तर पर उनका कॉलेज पहले से ही मूल विषय में पढ़ाई कराता आ रहा है। यह कोर्स संभाग के किसी भी नए कॉलेज को ऑफर नहीं किया गया है। एनसीटीई ने नए कोर्स की शुरुआत को लेकर 10 बिंदुओं में जानकारी मांगी थी। इसमें लगभग सभी कॉलेजों ने आवेदन किया था, लेकिन करीब 12 से 15 बीएड कॉलेज इसके लिए पात्र निकले।

अब एकीकृत नहीं, आईटीईपी होगा

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुंसधान परिषद (एनसीटीई) ने इस संबंध में सर्कुलर जारी कर दिया है। कोर्स का नाम इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी ) रखा गया है। एनसीटीई ने पूर्व में दुर्ग जिले के एक कॉलेज को एकीकृत बीएड संचालन की मंजूरी दी थी। कई साल यह कोर्स चलाया गया, लेकिन अब यह इसका आखिरी साल होगा। अगले साल से एकीकृत बीएड कोर्स बंद हो जाएगा और उसकी जगह आईटीईपी कोर्स चलेंंगे।

वहीं पहले जिले में सिर्फ एक कॉलेज चार साल का बीएड चलाता था, वहीं मोनोपॉली खत्म होगी और विद्यार्थियों को अधिक कॉलेजों के विकल्प मिलेंगे। पहले तक सामान्य बीएड करने पर विद्यार्थियों को संकाय चुनने के दौरान वाणिज्य की स्पेशियलिटी नहीं मिलती थी। उनको आट्र्स विषय में मर्ज कर दिया जाता था। नए कोर्स के हिसाब से अब बीकॉम के विद्यार्थियों को उनके ही कोर सब्जेक्ट्स के टीसर्च बनने में मदद मिलेगी।

एनईपी के तहत कोर्स

एनसीटीई ने यह कोर्स पुराने कॉलेजों को ही देने का निर्णय लिया है। इस लिहाज से दुर्ग जिले के तमाम बड़े ग्रुप्स इस दायरे में आएंगे। एनसीटीई ने कहा है कि कॉलेजों में स्नातक स्तर पर बीए, बीएससी और बीकॉम होना जरूरी है। यानी जिस कॉलेज में बीकॉम होगा, वहीं आईटीईपी बीकॉम बीएड शुरू होगा।

ऐसे ही जहां बीए नहीं होगा, उस कॉलेज को बीए बीएड की मंजूरी नहीं मिलेगी। सामान्यत: जिले के एक-दो ही संस्थान ऐसे हैं, जिनमें बीए की शिक्षा नहीं दी जाती। इसके अलावा लगभग कॉलेज यह कोर्स संचालित करते हैं। ठीक ऐसी ही व्यवस्था बीएससी बीएड के लिए भी रखी गई है।

इस तरह होगा कोर्स

आईटीईपी में बीए-बीएड, बीएससी-बीएड के अलावा बीकॉम-बीएड को भी शामिल किया गया है। नया पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति और शिक्षक शिक्षा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2021 के अनुसार संचालित होगा। साथ ही इस पाठ्यक्रम को एनईपी द्वारा जारी 5-3-3-4 के अंतर्गत संचालित विद्यालय पाठ्यक्रमों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। एनसीटीई ने कहा है कि जिन कॉलेजों में अभी एकीकृत बीएड संचालित हो रहा है, उनकी मान्यता भी नए सिरे से नए कोर्स के साथ मिलेगी।

पुराने कोर्स में प्रवेश बंद

एनसीटीई ने इस संबंध में 16 फरवरी को आम सूचना जारी की। इसके अनुसार वर्तमान में चल रहे बीए बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रम का शैक्षणिक सत्र 2024-25 अंतिम वर्ष है। वर्ष 2025-26 से इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं होंगे। वर्ष 2025-26 से आईटीईपी लागू होगा। मार्च के आसपास इसकी जानकारियां राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रायपुर को भेजी जाएगी। एनसीटीई ने नए कोर्स का सिलेबस तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

Updated on:
25 Feb 2025 08:45 am
Published on:
25 Feb 2025 08:42 am
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