Naxal Violence 2025 Report: साल 2025 छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी लड़ाई के लिए सबसे निर्णायक साबित हुआ। इस वर्ष सुरक्षा बलों ने रिकॉर्ड संख्या में मुठभेड़ें कीं, कई शीर्ष नक्सली कमांडरों को मार गिराया और नक्सली नेटवर्क की रीढ़ तोड़ दी। बस्तर से अबूझमाड़ तक नक्सल गतिविधियों में तेज गिरावट दर्ज की गई। इस रिपोर्ट में जानिए 2025 में कुल कितनी मुठभेड़ें हुईं और किन बड़े नक्सली नेताओं का अंत हुआ।
Naxal Violence 2025 Report: साल 2025 नक्सली संगठनों के लिए विनाशकारी साबित हुआ है। जिस दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर में नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे की समय-सीमा तय की थी, उसी दिन यह साफ हो गया था कि आने वाले समय में नक्सल नेटवर्क पर निर्णायक प्रहार होगा। नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व ने इसे चुनावी बयान मानकर नज़रअंदाज़ किया, लेकिन समय ने साबित कर दिया कि यह न तो चुनावी नारा था और न ही कोई राजनीतिक जुमला।
राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर बीजेपी सरकार के गठन के बाद नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों की कार्रवाई अभूतपूर्व रूप से तेज़ हुई। इस अभियान का केंद्र छत्तीसगढ़ रहा, जिसने वर्षों तक नक्सली हिंसा का सबसे गहरा दंश झेला है।
बीजापुर जिला लंबे समय से नक्सलियों की नर्सरी माना जाता रहा है। हालांकि बस्तर के अन्य इलाकों में नक्सली गतिविधियां लगातार सिमटती गईं, लेकिन बीजापुर में अब भी उनकी मौजूदगी सबसे अधिक देखी गई।
ये आंकड़े साफ संकेत देते हैं कि बीजापुर इस लड़ाई का सबसे बड़ा रणक्षेत्र बन चुका है।
साल 2025 नक्सली संगठनों के शीर्ष नेतृत्व के लिए सबसे घातक साबित हुआ। सेंट्रल कमेटी के 8 बड़े सदस्य, जो अलग-अलग जोन के प्रमुख रणनीतिकार थे, अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए। दिसंबर 2024 से नवंबर 2025 के बीच महज़ 11 महीनों में 320 नक्सली मारे गए, जिनमें 187 पुरुष और 117 महिलाएं शामिल थीं। शेष 20 लोगों का विवरण केंद्रीय कमेटी के पास भी उपलब्ध नहीं है।
वहीं 680 नक्सलियों को गिरफ्तार किया और 1,225 को सरेंडर करवाया। बता दें कि ऑपरेशन 'ब्लैक फॉरेस्ट' जैसे बड़े अभियानों और बीजापुर क्षेत्र में हुए सामूहिक सरेंडर ने साफ कर दिया है कि अब नक्सली मुख्यधारा में लौटने को मजबूर हो रहे हैं।
कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा को खत्म करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों को 30 नवंबर तक की समय-सीमा दी थी। इसी क्रम में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित मरेडमिल्ली के घने जंगलों में व्यापक सर्च अभियान चलाया गया। डेडलाइन से 12 दिन पहले ही हिड़मा मारा गया, जिससे नक्सली संगठन की कमर टूट गई। हिड़मा पिछले दो दशकों में हुए 26 से अधिक बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड था।
इनमें वर्ष 2010 का दंतेवाड़ा हमला भी शामिल है, जिसमें 76 CRPF जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2013 में झीरम घाटी हमले, 2021 सुकमा-बीजापुर हमले में भी हिड़मा की भूमिका रही है।
छत्तीसगढ़ में अब तक के प्रमुख नक्सल एनकाउंटर
गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया है कि 31 मार्च 2026 से पहले देश से नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा। इस ऐलान के बाद छत्तीसगढ़ समेत सभी नक्सल प्रभावित राज्यों में अभियान और तेज कर दिए गए हैं। वर्तमान हालात यह संकेत दे रहे हैं कि नक्सलवाद अपने अंतिम दौर में है और साल 2025 इतिहास में उस वर्ष के रूप में दर्ज होगा, जब नक्सली हिंसा निर्णायक रूप से टूट गई।