जगदलपुर

Breaking News: कुख्यात माओवादी कमांडर किशन की पत्नी ने किया सरेंडर, एक करोड़ का था इनाम… जानें कौन है ये?

One Crore Rewardee Naxalite Surrender: एक करोड़ रुपये की महिला नक्सली सुजाता ने तेलंगाना पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। ये छत्तीसगढ़ के बस्तर में सबसे ज्यादा सक्रिय रही है।

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Sep 13, 2025
तेलंगाना में CCM सुजाता ने किया सरेंडर (फोटो सोर्स- पत्रिका)

One Crore Rewardee Naxalite Surrender: छत्तीसगढ़ के नक्सल संगठन को एक और बड़ा झटका लगा है। नक्सलियों की सीसी मेंबर एक करोड़ रुपये की इनामी नक्सली सुजाता ने सरेंडर कर दिया है। नक्सली सुजाता ने तेलंगाना पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं। आज शनिवार की दोपहर को तेलंगाना पुलिस प्रेसवार्ता कर इसका खुलासा करेगी।

दरअसल, नक्सली सुजाता दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की इंचार्ज थी। ये नक्सली कमांडर किशनजी की पत्नी है। किशन जी केंद्रीय कमेटी सदस्य व बंगाल का प्रभारी था। जिसे एक दशक पहले ग्रे हाउंड्स ने बेंगलूरु में मार गिराया था। वहीं सुजाता ने भी नक्सल संगठन छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया और सरेंडर कर दी है। सुजाता के साथ 3 और नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़कर लौट आए हैं।

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सुजाता ने गिरफ्तारी की खबर का किया था खंडन

सूत्रों के मुताबिक, 17 अक्टूबर 2024 को सुजाता को तेलंगाना से गिरफ्तार करने की खबर सामने आई थी पर यह खबर अफवाह साबित हुई थी। क्योंकि खुद सुजाता ने ही इसका खंडन करते हुए कहा था कि उसकी गिरफ्तारी की खबर अफवाह है। कहा गया था कि वह इलाज कराने के लिये बस्तर से तेलंगाना गई थी, जहां पर उसे तेलंगाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

बस्तर के जंगलों में बीता सुजाता का समय

डीके एसजेडसी के सचिव रामन्ना की मौत के बाद सुजाता को डीकेएसजेडसी का प्रभारी बनाया गया था। इसके पश्चात वर्तमान में वह साउथ सब जोनल ब्यूरो की प्रभारी के रुप में कार्यरत थी। सुजाता का अधिकांश समय बस्तर के जंगलों में बीता है। वह तेलंगाना और बंगाल में भी सक्रिय रह चुकी है। बस्तर में तर्रेम थाना के भट्टीगुड़ा, तुमलपाट व मीनागुट्टा के जंगलों में अक्सर देखी जाती थी। वह अपने परिवार की तीसरी बड़ी नक्सली थी, जिसे नक्सलियों का थिंक टैंक माना जाता था। यही कारण है कि उसे नक्सलियों की सर्वोच्च सेंट्रल कमेटी में शामिल किया गया था।

नामनक्सल संगठन में सुजाता के कई नाम प्रचलित

नक्सल संगठन में उसके कई नामनक्सल संगठन में सुजाता के कई नाम प्रचलित हैं। उसे पद्मा, कल्पना, सुजाता, सुजातक्का, झांसीबाई कहा जाता है। बंगाल में उसे मैनीबाई के नाम से भी जाना जाता है। 12वीं तक पढ़ी सुजाता अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, ओडि़या, तेलुगु के साथ गोंडी, हल्बी बोली की जानकार है।

बड़े हमलों के पीछे सुजाता का दिमाग

बड़े हमलों के पीछे सुजाता का ही दिमाग रहा है। 2007 में एर्राबोर में 23 जवान बलिदान, अप्रैल 2010 में ताड़मेटला में 76 जवान बलिदान, 2010 में गादीरास में 36 की हत्या, झीरम में 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमले में 31 की हत्या, 2017 ¨चतागुफा में 25 जवान, मिनपा में 17 जवान, टेकुलगुड़ेम में 21 जवान के बलिदान की घटनाओं के पीछे सुजाता ही रही है।

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Published on:
13 Sept 2025 01:31 pm
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