Amazon Perplexity AI Cease-and-Desist मामला इस समय सुर्खियों में है। अमेजन ने AI स्टार्टअप Perplexity को नोटिस भेजा है जिसमें उसके नए ब्राउजर फीचर ‘Comet’ पर नियम तोड़ने का आरोप लगाया गया है। यह फीचर यूजर्स की तरफ से खुद ऑनलाइन खरीदारी करता है। जानें पूरा विवाद और यह मामला क्यों पहुंचा अदालत तक।
Amazon Perplexity AI Cease-and-Desist: टेक्नोलॉजी की दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसी विकास ने अब एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। दिग्गज ई-कॉमर्स दिग्गज कंपनी अमेजन (Amazon) और AI स्टार्टअप Perplexity आमने-सामने आ गए हैं। मामला परप्लेक्सिटी के नए ब्रॉउजर कॉमेट (Comet) का है जो यूजर्स की तरफ से खुद ऑनलाइन खरीदारी कर सकता है। अमेजन का कहना है कि यह फीचर उसकी वेबसाइट के नियमों का उल्लंघन करता है और ग्राहकों की गोपनीयता के लिए खतरा है। इसी कारण अमेजन ने परप्लेक्सिटी को तुरंत नोटिस भेजकर यह फीचर बंद करने का आदेश दिया है।
अमेजन ने अमेरिका की एक संघीय अदालत में Perplexity AI के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। शिकायत में Amazon ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कंपनी के मुताबिक, Perplexity का AI एजेंट 'Comet', यूजर्स के Amazon अकाउंट्स में लॉगिन कर उनकी ओर से खरीदारी कर रहा था जबकि यह बात कहीं जाहिर नहीं की गई थी कि असल में यह काम कोई इंसान नहीं बल्कि एक ऑटोमेटिक बॉट कर रहा है।
Amazon का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई कंप्यूटर फ्रॉड और वेबसाइट की सर्विस की शर्तों का सीधा उल्लंघन है। अपनी याचिका में कंपनी ने लिखा है, ''Perplexity को वही पारदर्शिता अपनानी चाहिए जो किसी असली यूजर से अपेक्षित होती है। वेबसाइट में बॉट के जरिए घुसपैठ करना, चाहे वह तकनीकी कोड से हो या किसी भौतिक तरीके से, दोनों ही गैरकानूनी हैं।
Amazon ने पहले Perplexity को cease-and-desist नोटिस भेजकर यह फीचर बंद करने को कहा था लेकिन जब स्टार्टअप ने ऐसा नहीं किया तो Amazon ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
Perplexity AI ने Amazon के आरोपों को गलत बताया है। कंपनी का कहना है कि Amazon अपने से छोटी कंपनियों पर दबाव डाल रही है ताकि वे उसकी बात मानें।
Perplexity ने अपने ब्लॉग में लिखा, ''हम लोगों की जिंदगी आसान बनाना चाहते हैं। अगर कोई यूजर चाहता है कि उसका AI असिस्टेंट उसकी जगह ऑनलाइन खरीदारी करे तो उसे ऐसा करने की आजादी होनी चाहिए।''
Perplexity के CEO अरविंद श्रीनिवास ने भी Amazon की आलोचना करते हुए कहा, ''अगर Amazon लोगों को सिर्फ अपना असिस्टेंट इस्तेमाल करने के लिए मजबूर करता है तो यह ग्राहकों के लिए सही नहीं है।''
Perplexity का Comet ब्राउजर एजेंट यूजर की तरफ से ऑनलाइन काम करता है। जैसे प्रोडक्ट ढूंढना, कीमतों की तुलना करना और ऑर्डर प्लेस करना। यानी यूजर को खुद वेबसाइट खोलने की जरूरत नहीं होती है Comet उसके लिए सारा काम कर देता है।
Amazon का तर्क है कि इस तरह के बॉट्स उसकी वेबसाइट की सुरक्षा प्रणाली को दरकिनार करते हैं और खरीदारी के अनुभव को बिगाड़ते हैं।
यह विवाद सिर्फ Amazon और Perplexity तक सीमित नहीं है। यह एक बड़ी बहस की शुरुआत है कि आखिर AI एजेंट्स की ऑनलाइन गतिविधियों की सीमा क्या होगी। क्या कोई एजेंट इंसान की तरह वेबसाइट पर जाकर खरीदारी कर सकता है? या फिर उसे प्लेटफॉर्म के नियमों का पालन करना जरूरी होगा?
Amazon फिलहाल खुद भी अपने AI शॉपिंग असिस्टेंट्स 'Buy For Me'और 'Rufus' पर काम कर रहा है। लेकिन कंपनी नहीं चाहती कि कोई बाहरी एजेंट उसके प्लेटफॉर्म पर अपनी मर्जी से एक्टिव हो।