नई दिल्ली

120 मिनट में पूरा होगा 210 किमी का सफर…दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे में बाधा बना एक मकान

Delhi Dehradun Expressway: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को दिसंबर तक शुरू करने की तैयारी है। इसके बाद दिल्ली से देहरादून तक करीब 210 किलोमीटर सफर लगभग दो घंटे में पूरा किया जा सकेगा, लेकिन इसमें एक मकान बाधा बन गया है।

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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे।

Delhi Dehradun Expressway: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को दिसंबर तक शुरू करने की तैयारी चल रही है। दिल्ली से सहारनपुर तक एक्सप्रेसवे का ज्यादातर निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद दिल्ली से देहरादून का लगभग 210 किलोमीटर का सफर केवल दो घंटे में तय किया जा सकेगा। इस मार्ग पर वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा रखी जाएगी। इससे बड़ी संख्या में यात्रियों को राहत मिलेगी, क्योंकि अभी वाहन चालकों को मेरठ एक्सप्रेसवे और दिल्ली-मेरठ मार्ग से होते हुए मुजफ्फरनगर होकर देहरादून पहुंचना पड़ता है, जहां कई स्थानों पर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है। इसके चलते अभी लगभग 270 किमी की यह दूरी 6 से 7 घंटे में तय होती है।

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सामने आ रहीं अड़चनें

दूसरी ओर दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) की सर्विस लेन का निर्माण अब भी अटका हुआ है। इसके पीछे गाजियाबाद के मंडोला क्षेत्र में स्थित एक घर से जुड़ा कानूनी विवाद है। इस विवाद के चलते करीब 50 मीटर लंबी सर्विस लेन का काम रुक गया है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) अधिकारियों का कहना है कि अदालत से इस घर का विवाद सुलझने के बाद सर्विस लेन का काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

कई खंडों में हुआ एक्सप्रेसवे का निर्माण

NHAI सूत्रों का कहना है कि एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कई खंडों में विभाजित है। इसमें दो खंड लगभग 32 किलोमीटर लंबे हैं। जबकि दिल्ली के भीतर 17 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड (ऊंचा पुलनुमा) बनाया गया है और 15 किलोमीटर का क्षेत्र गाजियाबाद और बागपत जिलों की सीमा में आता है। बागपत के मवीकला गांव के पास इस एक्सप्रेसवे को ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जोड़ा गया है। NHAI अधिकारियों के अनुसार, एक्सप्रेसवे के दोनों खंड तैयार हो चुके हैं। हाल ही में भारी वाहनों के माध्यम से भार परीक्षण (लोड टेस्ट) भी किया गया, जिसमें किसी प्रकार की तकनीकी कमी नहीं पाई गई।

बागपत से आगे तीसरा खंड भी तैयार

यह एक्सप्रेसवे अक्षरधाम से शुरू होकर मंडोला एनबीसीसी टाउनशिप होते हुए बागपत के मवीकला तक जाता है। आगे का तीसरा खंड भी तैयार हो चुका है। इस परियोजना को साल 2023 में पूरा किया जाना था, लेकिन कार्य निर्धारित समय से पूरा नहीं हुआ। इसके चलते पहले 31 मार्च फिर 15 मई और इसके बाद 15 अगस्त तक काम पूरा होने का लक्ष्य रखा गया। फिर भी यह काम अभी तक पूरा नहीं हो सका। मंडोला में सर्विस रोड के लिए आवश्यक 50 मीटर भूमि पर एक घर विवाद बना है।

घर को लेकर क्या है विवाद?

NHAI सूत्रों की मानें तो गाजियाबाद जिले के मंडोला क्षेत्र में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन में जो मकान बाधा बना है, उसका आवास विकास परिषद से मुआवजे को लेकर विवाद है। मामला कोर्ट में चल रहा है। दरअसल, मकान वाली भूमि आवास विकास परिषद की है, यह जमीन आवास विकास द्वारा एनएचएआई को दी जानी है, लेकिन इसमें मुआवजे को लेकर विवाद हो गया है। NHAI अधिकारियों ने बताया कि विवाद सिर्फ एक मकान को लेकर है। चूंकि मामला अदालत में है। इसलिए कोर्ट के निर्णय के बाद आवास विकास परिषद मकान मालिक को मुआवजा देगी। इसके बाद यह अड़चन भी दूर हो जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, सर्विस रोड की यही अड़चन परियोजना को रोक रही है, जबकि बाकी सभी कार्य पूरे किए जा चुके हैं।

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