हालांकि फिलहाल किसी मार्ग के बंद होने का समाचार नहीं है। वहीं दो दिन पहले सींगोन व पटपरा के अस्थाई पुल बहने के कारण पिपरई मार्ग बंद पड़ा है। जिससे पिपरई के लोगों को अशोकनगर आने के लिए 10 किमी का अतिरिक्त चक्कर काटना पड़ रहा है।
रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात करीब 2 बजे से जिले के अलग-अलग हिस्सों में बारिश का दौर शुरू हुआ। पूरे जिले में एक साथ झमाझम बारिश से जिला तर हो गया। भू अभिलेख विभाग के अनुसार सोमवार सुबह 8 बजे तक जिले में 17.5 मिमी बारिश हो चुकी थी।
वहीं जानकारों के अनुसार जहां एक ओर कुछ जगहों पर अब तक कम ही बारिश हुई है, वहीं प्रदेश में कुछ जगह अब लोगों में बारिश की दहशत भी दिखने लगी हैं।
इसके बाद भी दोपहर करीब 2.30 बजे तक कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। सुबह के समय करीब 5 घंटे तक लगातार तेज बारिश हुई। लगातार पानी गिरने से जिले के नदी-नालों में पानी आ गया और कजराई सहित कई पुलों को पानी छूने लगा था।
इसके अलावा सिंध कैथन, मोला सहित अन्य छोटी नदियों में पानी आ गया। विदिशा व भोपाल में बारिश होने के कारण बेतवा भी उफान पर है। कजराई के पुल पर देहात थाना प्रभारी टीम के साथ पहुंचे और लोगों को पुल पार न करने की समझाइश दी।
बारिश से जिला मुख्यालय पर भी जनजीवन को प्रभावित किया। विजय नगर कॉलोनी, बालाजी धाम कॉलोनी, शंकरपुर मगरदा, पूजा कॉलोनी, ऊर्जा कॉलोनी सहित अन्य निचली बस्तियों में पानी भरने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं शहर में चल रहे सड़क निर्माण कार्यों के कारण भी लोग परेशान हुए। माता मंदिर रोड से सेन चौराहे की ओर जाने वाले सभी रास्ते बंद रहे।
तेज बारिश से सरकारी कार्यालय हुए अस्त व्यस्त
शुरूआती बारिश में ही सरकारी कार्यालयों की अव्यवस्थाओं की पोल भी खुल गई। पानी कार्यालयों में टपकने से कागजों को यहां-वहां रखकर तो कहीं तिरपाल व प्लास्टिक के ढांककर बचाने की कोशिश की जा रही है।
जिला कोषालय के भवन की पीछे की दीवार को कुछ हिस्सा गिर गया है, दीवार पर तिपराल डालकर पानी रोकने का प्रयास किया जा रहा है। जिस कमरे में पानी आ रहा है उसके सामान को बाहर के हाल में रखना पड़ा है।
वहीं एसडीएम कार्यालय के कंप्यूटर कक्ष में पानी टपकने के कारण कंप्यूटर व प्रिंटर पर प्लास्टिक डालकर रखना पड़ा। इसके अलावा परियोजना कार्यालय महिला व बाल विकास विभाग, जनपद पंचायत, जिला पंजीयक कार्यालय, खनिज विभाग, पीएचई कार्यालय सहित अन्य कार्यालयों के भवन टपक रहे हैं।
जिले में बारिश
तहसील : वर्षा (मिमी)
अशोकनगर : 53
चंदेरी : 02
ईसागढ़ : 05
मुंगावली : 10
औसत : 17.5
(आंकड़े सोमवार सुबह 8 बजे तक)
जिले में देर रात तक हुई बोवनी
उल्लेखनीय है कि जिले में शनिवार व रविवार को बारिश थम गई थी और दोनों दिन धूप भी खिली। धूप खिलने से कई किसानों ने बोवनी शुरू कर दी और आनन-फानन में खेतों में बुवाई की।
रविवार को भी देर रात तक किसान अपने खेतों में बोवनी का कार्यकरते रहे। हालांकि लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भरने से उनकी चिंता भी बढ़ गई। यदि खेतों में पानी भरा रहा तो बीच खराब होने की आशंका है।
रास्ता बंद, लगा रहे हैं लंबा चक्कर
दो दिन पहले पिपरईरोड पर सींगोन व पटपरा के अस्थाई पुल बह गए थे। जिन्हें दोबार बनाया गया, लेकिन ये दोबारा बहा गए। अब पिपरई का रास्ता पूरी तरह बंद है। पिपरई के लोग बक्सरपुर, खैराई होकर करीब 10 किमी लंबा चक्कर लगाकर जिला मुख्यालय आ रहे हैं।
सींगान का संपर्क जिला मुख्यालय व पिपरई दोनों से कटा हुआ है। रास्ता बंद होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।
तहसील परिसर में गिरा पेड़
तहसील परिसर में सोमवार को सुबह करीब 11.30 बजे एक सरकारी क्वाटर में लगा पेड़ धराशाई हो गया। यह पेड़ सूख चुका था और मिट्टी गीली होने के कारण जड़ से ही उखड़ गया। पेड़ तहसील कार्यालय में पदस्थ सहायक गे्रड 3 पूजा चौहान क्वाटर के टीनशेड और रास्ते पर गिरा। गनीमत रही कि उस समय बाहर कोई नहीं था, वरना गंभीर हादसा भी हो सकता था।
परिसर में पानी ही पानी
बारिश से तहसील परिसर भी पानी पानी हो गया। यहां तहसील कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, पटवारी कार्यालय, खनिज विभाग, जिला पंजीयक, लोक सेवा गारंटी, परियोजना कार्यालय महिला एवं बाल विकास विभाग, पीएचई कार्यालय हैं। इसके बावजूद हर साल पानी भरने की समस्या यहां रहती है। बारिश होने के बाद कार्यालयों तक पहुंचने का रास्ता ही बंद हो जाता है। लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।