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बुंदेलखंड में बनेगा भारत का पहला ‘अलौकिक जैन तीर्थ’, 100 करोड़ होंगे खर्च, ये होंगे आकर्षण

mp news: 100 करोड़ की लागत से देश में पहला अलौकिक जैन तीर्थ बनेगा। यहां 52 जिनालय, पंचमुखी मंदिर, भव्य सिंहद्वार, कृत्रिम नदी और आधुनिक सुविधाओं वाली धर्मशालाएं होंगी।

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Jain tirth thubon nandishwar island 100 crore budget bundelkhand ashoknagar mp news

Jain tirth thubon nandishwar island 100 crore budget bundelkhand ashoknagar (Patrika.com)

Jain Tirth Thubon: देश के प्रमुख जैन तीर्थों में शामिल अशोकनगर में स्थित थूबोन (Thubon) में एक अरब रुपए की लागत से नंदीश्वर द्वीप (Nandishwar Island) बनेगा। जिसमें पंचमुखी मंदिर के साथ 52 नवीन जिनालय होंगे और पर्वत व नदी भी बनाई जाएगी। इसके लिए नक्शा भी तैयार हो गया है, जो बनने के बाद देश का पहला मंदिर और बुंदेलखंड क्षेत्र का पहला अलौकिक तीर्थ क्षेत्र होगा।

बनेंगे मंदिर और जिनालय

अशोकनगर शहर से 32 किमी दूर स्थित दर्शनोदय थूबोन तीर्थ क्षेत्र है। जहां 26 जैन मंदिर हैं और सभी में 12वीं शताब्दी से पहले की सभी खडग़ासन प्राचीन प्रतिमाएं हैं। लेकिन अब इसे नंदीश्वर ‌द्वीप बनाने की तैयारी है। जिसमें 30 करोड़ रुपए लागत से पंचमुखी मंदिर बनेगा, जिसमें मूलनायक भगवान आदिनाथ की 15 फीट ऊंची पद्मासन प्रतिमा होगी।

साथ ही चार अन्य मंदिर भी इसी में होंगे और सभी के द्वार एक मंडप में खुलेंगे। वहीं 55-55 लाख रुपए लागत से 52 जिनालय बनेंगे। साथ ही दो करोड़ रुपए लागत से पाषाण का विशाल सिंह‌द्वार बनेगा, जो मप्र का पहला द्वार होगा। सुदर्शन मेरु व नदी का निर्माण होगा, जिसमें नाव भी चलेगी। साथ ही मुनि सुधासागर महाराज ने दर्शनोदय तीर्थ क्षेत्र भूबोन का नाम सुदर्शनोदय तीर्थ क्षेत्र कर दिया है। (mp news)

नंदीश्वर द्वीप में यह भी होगा खास

  • पंचमुखी मंदिर, मुक्ताकाश समवशरण, गगन बिहारी पार्श्वनाथ, 52 जिनालय यहां पर बनाए जाएंगे व मप्र के किसी भी तीर्थ पर बनने वाला भव्य सिंह‌द्वार होगा।
  • यहां पर भव्य धर्मशालाएं भी बनेंगी और गार्डन भी तैयार किए जाएंगे, जो इस तीर्थ क्षेत्र को भव्यता के साथ सुंदर रूप देंगे, इससे तीर्थक्षेत्र विशेष आकर्षक होगा।
  • पंचमुखी मंदिर के मुख्य मंदिर के अलावा चार अन्य मंदिरों में पांच से सात फीट ऊंची भगवान की प्रतिमाएं होंगी, एक मंदिर से सभी मंदिरों के दर्शन होंगे।
  • गगन बिहारी मंदिर राजस्थान के बिजौलिया की तर्ज पर बनाया जाएगा, जिसका पूरा नक्शा भी तैयार हो गया है, पार्श्वनाथ यहीं से नैनागिर के लिए गए होंगे।

कमेटी ने भावना रखी तो हुई घोषणा

मुनि सुधासागर महाराज के सामने थूबोन तीर्थ कमेटी ने अपनी भावनाएं व्यक्त की और नक्शा दिखाया तो मुनि सुधासागर महाराज ने इसके निर्माण कराए जाने की शनिवार को घोषणा कर दी। इसके बाद देशभर से जैन समाज ने इस तीर्थक्षेत्र के प्रस्तावित निर्माण को कराने 10 मिनट में ही 50 करोड़ रुपए से अधिक राशि के दान की घोषणा कर दी है। इससे अब जल्द ही भूमिचयन करके भूमिपूजन होगा और भूबोन तीर्थ क्षेत्र पर नंदीश्वर द्वीप का निर्माण शुरु हो जाएगा, जो देश का सबसे आकर्षक व सुंदर मंदिर होगा।

मुनि बोले वास्तु दोष घटे तो होता गया थूबोन का विकास

मुनि सुधासागर महाराज ने कहा कि भूबोन भारत का अलौकिक तीर्थ क्षेत्र है, जैसे-जैसे वास्तु दोष घटते गए तो विकास होता गया और अब यह दिल के आकार का हो गया है। सुदर्शनोदय तीर्थ क्षेत्र सारे विश्व में अपना नाम पहुंचाएगा। मंदिर नंबर 13 में चार महीने व्यतीत किए हैं। पंचमुखी रुद्राक्ष अनमोल होता है, जिसे कोई किसी भी रूप में लेना चाहता है, पंचमुखी रुद्राक्ष के साथ नक्शा पेश आया तो वहां का मंदिर भी पंचमुखी होना चाहिए। यह भारत का पहला मंदिर होगा, बुंदेलखंड में अभी तक पंचमुखी मंदिर कहीं नहीं है। पांचों मंदिर एक मंडप में खुलेंगे, ऐसी कल्पना बहुत दुर्लभ है।