
China: People angry against President Jinping, asking questions on social media
बीजिंग। भारत और चीन के सैनिकों ( India China Army ) के के बीच पूर्वी लद्दाख सीमा के गलवान घाटी ( Tension In Galwan Valley ) में बीते 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद अब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ( Chinese President Xi Jinping ) अपने ही देश में सवालों के घेरे में घिरते जा रहे हैं। दरअसल, उस हिंसक झड़प की घटना में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए थे।
भारत ने अपने शहीद सैनिकों को सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी और पार्थिव शरीर को उनके परिजनों तक पहुंचाया। लेकिन चीन में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। चीन सरकार ( Chinese Government ) मारे गए सैनिकों की संख्या और उनकी पहचान को जाहिर नहीं कर रही है। ऐसे में मारे गए सैनिकों के परिजनों में काफी गुस्सा है और उनलोगों ने राष्ट्रपति जिनपिंग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बता दें कि अमरीका की ब्रेइटबार्ट न्यूज ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ( Chinese Communist Party ) के फैसले की को लेकर सैनिकों के परिजनों में काफी गुस्सा है और वे परेशान हैं। वे लगातार सोशल मीडिया पर सरकार से सवाल पूछ रहे हैं, लेकिन सरकार लोगों के सवालों का जवाब देने में नाकाम हो रही है।
सैनिकों के नाम उजागर करने की मांग
रिपोर्ट में बताया गया है कि 15 जून को गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों ( Chinese Army ) के कई परिजनों ने चीनी सोशल मीडिया साइट वीबो और अन्य पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। सैनिकों के परिजन ये मांग कर रहे हैं कि जितने भी सैनिक मारे गए हैं सभी नाम सार्वजनिक किया जाए।
बता दें कि गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि चीन के 40 से अधिक सैनिक मारे गए। हालांकि ने अभी तक आधिकारिक तौर पर इसे स्वीकार नहीं किया है। चीन ने सिर्फ इतना स्वीकार किया है कि इस घटना में उनके भी कुछ कमांडर मारे गए हैं।
इस झड़प के बाद चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ( Global Times ) के एडिटर इन चीफ ने ये माना था कि भारत ने उनके सैनिकों को भी मार गिराया है। इस बाबत उन्होंने ट्वीट भी किया था और बताया था कि चीनी पक्ष के सैनिक भी हताहत हुए हैं।
Updated on:
28 Jun 2020 03:43 pm
Published on:
28 Jun 2020 03:28 pm
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