
chaitra purnima 2021 time
पूर्णिमा तिथि purnima tithi को हिंदू पंचांग में बेहद खास माना गया है। जिसके चलते सनातन धर्म के लोग इस बेहद शुभ तिथि shubh tithi पर पवित्र नदियों में स्नान को काफी लाभदायक मानते हैं। वहीं ज्योतिष शास्त्र में भी पूर्णिमा तिथि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
वैदिक ज्योतिष vedic jyotish और प्राचीन शास्त्रों में चन्द्रमा को मन का कारक माना गया है। इसीलिए चन्द्रमा के अपने पूरे रूप में होने की वजह से उसका असर सीधे जातक के मन पर पड़ता है।
ऐसे में वर्तमान 2021 में चैत्र मास चल रहा है और इस मास कि पूर्णिमा, चैत्र पूर्णिमा Chaitra Purnima कहलाती है। जो हिंदू नववर्ष hindu navvarsh की पहली पूर्णिमा मानी जाती है। इस बार यानि 2021 में ये तिथि 27 अप्रैल को पड़ रही है। वहीं इसी दिन हनुमान जयंती hanuman prakatutsav भी मनाई जाती है।
पूर्णिमा तिथि पर मुख्य रूप से भगवान विष्णु को समर्पित मानी गयी है। ऐसे में इस बार आने वाली पूर्णिमा यानि चैत्र पूर्णिमा (Chaitra Purnima 2021) के दिन हिन्दू धर्म के अनुयायी भगवान विष्णु जी के स्वरूप सत्यनारायण satyanarayan puja की पूजा करते हैं। वहीं इस दिन ॐ नमो नारायण का मंत्र जाप विशेष फलदाई माना जाता है। साथ ही इस दिन व्रत भी रखते हैं।
इस दिन शाम को चांद astro planet को अर्घ्य देने के बाद ही इस व्रत का समापन किया जाता है। इसके अलावा पूर्णिमा के दिन ही महान आत्माओं के जन्म उत्सव से लेकर बड़े-बड़े त्यौहार मनाए जाते हैं।
चैत्र पूर्णिमा शुभ मुहूर्त- (Chaitra Purnima 2021 Shubh Muhurat)
चैत्र पूर्णिमा मंगलवार, अप्रैल 27, 2021 को
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 26, 2021 को 12:44 PM बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – अप्रैल 27, 2021 को 09:01 AM बजे
चैत्र पूर्णिमा पूजा विधि (Chaitra Purnima 2021 Pujan Vidhi)
इस पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में जाग जाना चाहिए उसके साथ ही इसी समय स्नान भी कर लेना चाहिए। वर्तमान में कोरोना संक्रमण corona pendimic के चलते पवित्र नदी में स्नान नहीं कर सकते तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल Ganga Jalडालकर स्नान करें।
स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें और सूर्य देव को मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्घ्य दें। फिर भगवान विष्णु या कृष्ण की पूजा करें। इसके अलावा चैत्र पूर्णिमा chaitra purnima के दिन चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद अन्न से भरे घड़े को किसी ब्राह्मण या फिर किसी गरीब व्यक्ति को दान कर दें। इस तरह से चंद्रदेव प्रसन्न होते हैं और व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होने का आर्शीवाद प्रदान करते हैं।
चैत्र पूर्णिमा : हनुमान जन्मोत्सव और भगवान विष्णु की पूजा...
27 अप्रैल 2021, मंगलवार के दिन पूर्णिमा होने के कारण भक्तों द्वारा भगवान विष्णु lord vishnu की पूजा और सत्यानारायण की कथा भी सुनी जाएगी। वहीं इस दिन हनुमान जी की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। अभिजित मुहूर्त में हनुमान जी की पूजा करना अत्यंत शुभ है।
27 अप्रैल 2021 शुभ मुहूर्त...
अभिजित मुहूर्त : 11:30 AM से 12:22 PM
अमृत काल : 12:26 PM से 01:50
अमृत सिध्दि योग : कोई नहीं
सर्वार्थ सिद्धि योग : कोई नहीं
रवि योग : कोई नहीं
चैत्र पूर्णिमा का महत्व:
हिंदू कैलेंडर में चैत्र मास ही प्रथम माह माना गया है। इस माह में चैत्र नवरात्रि chaitra Navratri पड़ती है जिसमें आदि शक्ति माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। वहीं इसी माह कि पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है।
इस पूर्णिमा जिसे चैत्र पूर्णिमा chaitra purnima भी कहते हैं को बेहद विशेष माना जाता है। यह हिंदू नववर्ष की पहली पूर्णिमा तिथि है। पौराणिक कथाओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन भगवान श्री कृष्ण shri krishna ने ब्रज में रास लीला रचाया था।
जिसे महारास के नाम से भी जाना जाता है माना जाता है कि इस दिन जो व्यक्ति विष्णु जी lord vishnu की पूजा करता है उसे सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख शांति आने के अलावा घर-परिवार में धन-धान्य की कमी भी नहीं होती है।
इस दिन ये न करें यानि रखें सावधानी...
पंडित एसके पांडेय के अनुसार व्रत के दिन किसी भी जीवन की हिंसा से बचने के अलावा पराई निंदा, चुगली से भी परहेज करें। किसी का अपमान न करें और ना ही किसी को सताएं और साथ ही इस दिन पड़ोसी से भी कोई विवाद न करें।
पं. पांडेय के अनुसार पुराणों Puran में ऐसा उल्लेख है कि इस दिन पड़ोसियों से किया गया विवाद स्थाई हो जाता है, जो आपके लिए हमेशा कष्टकारक रहेगा।
ऐसे करें व्रत
- ब्रम्हमुहूर्त में करें स्नान
- व्रत का संकल्प लेकर करें पूजन
- विधि-विधान से चंद्रदेव की करें पूजन
- रात्रि में करें चांद का पूजन
- अन्न से भरा हुआ घड़ा ब्राह्मण को करें दान
नहीं सताएगा दुख
पं. एसके पांडेय के अनुसार चैत्र पूर्णिमा व्रत करने से कभी भी व्याधियां नहीं आतीं। पुराणों के अनुसार चैत्र मास shri Ram की पूर्णिमा को विधिपूर्वक व्रत रखने से चंद्रदेव खुश होते हैं और मनवांछित फल भी प्रदान करते हैं। इसके अलावा जिस प्रकार गंगा और जमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान से दुख दूर होते हैं, उसी तरह इस व्रत से आप दुखों से छुटकारा पा सकते हैं इसका उल्लेख भी पुराणों में है।
पूर्णिमा के खास उपाय...
सनातन धर्म कि महत्वपूर्ण तिथियों में से एक पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के अलावा चंद्रमा की भी पूजा करने का विधान है। मान्यता के अनुसार यह तिथि मां लक्ष्मी जी को भी अत्यंत प्रिय है।
पं. एसके पांडेय के अनुसार इस दिन धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए कुछ उपायों को अपनाया जाता है, जिनके सम्बन्ध में मान्यता है कि इनसे आर्थिक स्थिति financial conditions को मजबूत करने में सहायता मिलती है। इसके अलावा कुछ अन्य उपायों से मनोकामनाएं भी पूरी होतीं हैं।
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: पूर्णिमा वाले दिन मां लक्ष्मी को साबूदाने की खीर मिश्री डालकर खीर का भोग लगाने से भोग लगाकर उसे प्रसाद के रूप में बांटने से धन प्राप्ति होती है।
: पूर्णिमा के दिन सूर्यास्त से पहले पान के 2 पत्ते एवं सफेद चंदन तैयार करें। अब रात में 11 बजते ही शुद्धजल से स्नान करके सफेद वस्त्र पहन लें। पान के पत्तों को भी शुद्ध जल से धुल लें।
अब घर के पूर्व दिशा के एकांत कोने में सफेद कपड़े के आसन पर बैठकर गाय के घी का एक दीपक जला लें। सफेद चन्दन को गाय के घी या फिर गंगाजल से घोलकर दोनों पान के पत्तों पर बीचों बीच स्वास्तिक बनाकर उसके दोनों तरफ शुभ-लाभ भी लिख दें।
पान के पत्तों पर स्वास्तिक बनाने के बाद पूर्व दिशा के एकांत कोने वाली दीवार पर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर कमल आसन पर बैठी माँ लक्ष्मी के श्वेत रंग का ध्यान करते हुए चिपका दें। पान चिपकाने के बाद इस मंत्र-।। ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः ।। का ग्यारह सौ बार लाल चंदन की माला से जाप करें।
जाप पूरा होने के बाद गाय के घी से 108 आहूति का हवन इसी मंत्र से करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने वाले जातक की सभी मनोकामना कुछ ही दिनों में पूरी होने लगती है।
: हर पूर्णिमा पर सुबह के समय हल्दी में थोडा पानी डालकर उससे घर के मुख्य दरवाज़े / प्रवेश द्वार पर ॐ और स्वातिक बनाने से घर में नेगिटिव एनर्जी का प्रवेश नहीं होता है।
: पूर्णिमा वाले दिन सुबह के समय आम के पत्ते से बने तोरण को घर के मुख्य द्वार पर बाँधने से घर में कलेश नहीं होते और घर के वातावरण में शुभता आती है।
: पूर्णिमा के दिन घर के पूजा स्थान में श्री यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, कुबेर यंत्र, एकाक्षी नारियल, दक्षिणवर्ती शंख में से कोई एक चीज साबुत चावलों की ढेरी के ऊपर स्थापित करें। माना जाता है कि ऐसा करने से घर में धन की आवक सुचारू रूप से बनी रहती है।
: पूर्णिमा वाले दिन शिवलिंग का अभिषेक करने से मन को शांति मिलती है और कष्ट दूर होता है।
Published on:
25 Apr 2021 12:31 pm
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