सूर्य स्वयं राजा हैं इसलिए राजनीति या सरकारी कार्यों से संबंधित व्यवसाय के बारे में भी उनका विचार किया जाता है। कुंडली में बलवान सूर्य सिद्धान्तवादी बनाता है। ऐसे लोग कठोर अनुशासन का पालन करने और करानेवाले होते हैं। सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त ऐसे लोग उच्च अधिकारी, उच्च प्रशासक होते हैं।
यह भी पढ़ें: समुद्र में 300 फीट की गहराई में है श्री कृष्ण की द्वारिका
सूर्य सरकारी नौकरी या उच्च पद का प्रतिनिधित्व करते हैं और शुभ स्थिति में सरकार से अच्छे लाभ की प्राप्ति में सहायक होते हैं। मजबूत सूर्य वाले लोग आदेश देते हैं, वे किसी की अधीनता स्वीकार नहीं करते। ऐसे लोग अपना महत्व एवं मर्यादा समझते हैं। ये लोग अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखते हैं और लगातार वृद्धि, उन्नति व विकास या निर्माण करने वाले होते हैं।
सूर्य प्रभुत्व और नेतृत्व की भावना के कारक हैं। यही कारण है कि उच्चाधिकारी, सत्तााधीशों का सूर्य हमेशा बहुत शुभ और मजबूत स्थिति में पाया जाता है। आजीविका में सूर्य लीडरशिप, सरकारी या राज्य से संबंधित सेवा, उच्च प्रशासनिक सेवा, राजनीति, माणिक्य व सोने के आभूषण खरीदना.बेचना, चिकित्सक, मेडिकल मैनेजमेंट, कार्डियोलाजिस्ट, मेडिकल फील्ड, पिता का व्यवसाय, खेती, फाइनेंस, बीमा एजेंट, चिकित्सा या औषधि, ऊन व ऊनी वस्त्र आदि के कारक हैं।
कुण्डली में सूर्य के अशुभ होने या कमजोर होने पर पेट खराब रहता है। आंखों से संबंधित रोग और ह्रदय रोग हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में सरकारी काम कभी भी आसानी से नहीं हो पाते हैं। शारीरिक कमजोरी बनी रहती है।
जीवन में कामयाबी पाने के लिए सूर्य को मजबूत बनाना बहुत जरूरी है। इसके लिए रविवार को सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। सुबह जल्दी उठकर सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। इस दिन आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ करना बहुत फलदायी होता है। सूर्य के बीज मंत्र का जाप करने से भी सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और उनका शुभ प्रभाव प्रारंभ हो जाता है।