शनिवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान पुलिस अधीक्षक प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने झारखंड प्रांत से गिरफ्तार साइबर अपराधी को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि गूगल एवं सोशल साइट्स पेज पर दर्ज बैंकों एवं तमाम कंपनियों के कस्टमर सर्विस टोल फ्री नंबर किसी साइबर अपराधी के हो सकते हैं। इसके लिए उन्होंने बताया कि उपभोक्ता गूगल एवं सोशल साइट्स पर दर्ज टोल फ्री नंबर को सत्य मानकर साइबर अपराध के शिकार हो जाते हैं। इन नंबरों के माध्यम से साइबर अपराधी लोगों के बैंक खातों में जमा रकम को बड़ी आसानी से उड़ा देते हैं।
उन्होंने बताया कि जल निगम विभाग में कार्यरत उमेश कुमार मौर्य अपनी बाइक का इंश्योरेंस नवीनीकरण कराने के लिए कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर काल किया। रिसीव करने वाले ने उक्त वाहन स्वामी को लगभग 19 हजार रुपए की चपत पलक झपकते लगा दी। पीड़ित ने स्थानीय थाने में आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया। इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए हमने साइबर सेल एवं क्राइम ब्रांच को घटना के अनावरण के लिए निर्देश दिया। मामले की जांच के दौरान पता चला कि इस घटना को अंजाम देने वाले साइबर अपराधी झारखंड प्रांत के जामतारा व गिरिडीह जनपद के निवासी हैं।
अपराधियों को पकड़ने के लिए जनपद से रवाना हुई टीम ने शुक्रवार की शाम गिरिडीह जनपद के बेंगाबाद थाना अंतर्गत बेडोडीह ग्राम निवासी साइबर अपराधी सुमन्त कुमार सिंह पुत्र बिंदेश्वरी सिंह को धर दबोचा। पकड़े गए अपराधी के कब्जे से मिली मोबाइल के आधार पर जानकारी मिली की पिछले दो माह के भीतर उसने तमाम लोगों को लगभग 50 लाख रुपए की चपत लगाई है। इस मामले में पुलिस को पकड़े गए अपराधी के गांव के रहने वाले अनिल सिंह तथा इसी जनपद के महेशमुंडा ग्राम निवासी मंटू उर्फ तरुण मंडल पुत्र रीतलाल मंडल की तलाश है। पुलिस अधीक्षक ने इस उपलब्धि को हासिल करने वाली पुलिस टीम को दस हजार रुपए पुरस्कार देने की घोषणा की है।
By Ran Vijay Singh