scriptShooter Dadi Chandro Tomar ने बेटियों के लिए घर की जमीन पर ही बनवाई थी शूटिंग रेंज | Shooter Dadi Chandro Tomar built a shooting range in her house | Patrika News

Shooter Dadi Chandro Tomar ने बेटियों के लिए घर की जमीन पर ही बनवाई थी शूटिंग रेंज

locationबागपतPublished: May 01, 2021 12:35:04 pm

Submitted by:

lokesh verma

Shooter Dadi Chandro Tomar अपनी शूटिंग रेंज में संवारना चाहती थीं गांव की बेटियों का भविष्य

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Shooter Dadi Chandro Tomar अपनी शूटिंग रेंज में संवारना चाहती थीं गांव की बेटियों का भविष्य।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
बागपत. कोराेना ने Shooter Dadi Chandro Tomar को हमसे छीन लिया है। वह दुनिया को अलविदा कहकर जरूर चली गई हैं, लेकिन जाने से पहले गांव की बेटियों का भविष्य बनाने के लिए शूटिंग रेंज (Shooting Range) का तोहफा देकर गई हैं। बता दें कि शूटर दादी चंद्रो तोमर की मंशा थी कि वह अपने गांव की बेटियाें के लिए ऐसा कुछ करें, जिससे उनका भविष्य संवर सकें और उनकी तरह वे भी दुनिया में अपना नाम रोशन कर सकें। बेेटियों के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने अपने घर की जमीन पर ही शूटिंग रेंज बनवाई, लेकिन कुदरत का कहर ऐसा टूटा की शूटर दादी इसका उद्घाटन करने के लिए अब हमारे बीच नहीं हैं।
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शूटर दादी के बेटे विनोद तोमर ने बताया कि मां का सपना था कि गांव बेटियां भी उनकी तरह घर की दहलीज लांघकर अपना भविष्य संवार सकें। इसके लिए उन्होंने हाल ही में घर की जमीन पर एक शूटिंग रेंज बनवाई थी, जिसका उद्घाटन मां को करना था, लेकिन कोरोना के चलते यह मुमकिन नहीं हो सका। विनोद कहते हैं कि अब वह मां के सपने को पूरा करने के लिए जल्द ही शूटिंग रेंज शुरू करवाएंगे। विनोद ने बताया कि मां चाहती थीं कि खुद की शूटिंग रेंज में मनमाफिक शूटर तैयार करेंगी और गांव की बेटियों के सपने पूरे होंगे।
शूटिंग रेंज में बच्चों का रखतींं थी पूरा ख्याल

शूटर सौरभ चौधरी के कोच अमित श्योराण ने बताया कि शूटर दादी चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर के कारण ही गांव के लोगों ने अपनी बेटियों को घर की दहलीज से बाहर शूटिंग रेंज तक जाने की अनुमति दी थी। उन्होंने बताया कि शूटर दादी को देखकर गांव की बेटियों में भी कुछ कर गुजरने का जज्बा आया। उन्होंने बताया कि शूटर दादी रेंज में आने वाले सभी बच्चों का पूरा ख्याल रखती थीं और उन्हें कुछ कर गुजरने के लिए भी प्रेरित करती रहती थीं।
दादी की प्रेरणा से बेटियों को मिली सरकारी नौकरी

कोच श्योराण ने बताया कि 1998 में गांव ज्योड़ी में एक शूटिंग रेंज हुआ करती थी। उन्होंने बताया कि 2000 में जब शूटर दादी ने घर की दहलीज पार कर बच्चों के साथ शूटिंग रेंज में अभ्यास शुरू किया तो गांव की तस्वीर बदलने गई। दादी की ही प्रेरणा से ही सीमा तोमर, शैफाली, वर्षा तोमर, रूबी तोमर और सर्वेश जैसी कई शूटर को सरकारी नौकरी मिली। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बागपत जिले की बात करें तो यहां करीब दो दर्जन शूटिंग रेंज हैं। जहां करीब तीन सौ शूटर अभ्यास करते हैं।
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