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6 माह से पूर्ण हुए निर्माण का SDO व इंजीनियर ने रोका सत्यापन, सरपंच का आरोप- मांग रहे हैं कमीशन…

CG News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में जनपद पंचायत डौंडी के ग्राम पंचायत टेकाडोढ़ा में निर्माण का सत्यापन कमीशन के चलते अटका हुआ है।

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6 माह से पूर्ण हुए निर्माण का एसडीओ व इंजीनियर ने रोका सत्यापन(photo-patrika)

6 माह से पूर्ण हुए निर्माण का एसडीओ व इंजीनियर ने रोका सत्यापन(photo-patrika)

CG News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में जनपद पंचायत डौंडी के ग्राम पंचायत टेकाडोढ़ा में निर्माण का सत्यापन कमीशन के चलते अटका हुआ है। सरपंच चंद्राकार टेकाम ने बताया कि ग्राम पंचायत टेकाढ़ोडा की पूर्व सरपंच पवन बाई मंडावी द्वारा पंचायत के समस्त आबंटन, अधूरे निर्माण व पूर्ण निर्माण कार्यों का प्रभार मुझे सौंपा गया।

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ग्राम पंचायत टेकाढ़ोड़ा के आश्रित ग्राम मरईपारा में रंगमंच व आवास पारा में लाखों की लागत से बने पूर्ण हुए सामुदायिक भवन का भी प्रभार मुझे सौंपा है। इन पूर्ण हुए निर्माण कार्यों की सारी प्रक्रिया पूर्ण कर जनपद पंचायत डौंडी में संबंधित विभाग में जमा कर दिया गया है।

आज उन्हें पंचायत में सरपंच के रूप में पदस्थ हुए 6 माह से ऊपर हो गया है। जनपद पंचायत के इंजीनियर व एसडीओ जेपी चंद्राकार के सत्यापन नहीं करने के कारण लाखों की लागत से बने इन दोनों निर्माण कार्यों की राशि पंचायत के खाते में आज दिनांक तक नहीं आई है।

वेंडर का मटेरियल पेमेंट के लिए हमारे ऊपर दबाव बढ़ता जा रहा है, जिससे हम सरपंच लोग मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं। जनपद के एसडीओ जेपी चन्द्राकार बिना कमिशन के पंचायतों में होने वाले कार्यों का सत्यापन ही नहीं करते हैं।

अधिक खर्च का जिमा अधिकारी सरपंच पर डाल देते हैं

अधिकांश ग्राम पंचायतों के पूर्व सरपंचों ने कहा कि जब भी पंचायत के किसी निर्माण पर अनुमानित लागत से अधिक खर्च आ जाता है तो निर्माण की देखरेख करने वाले एसडीओ व इंजीनियर और दूसरे अधिकारी पूरा मामला सरपंचों पर डाल देते हैं। सरपंचों ने यह भी कहा कि जनपद डौण्डी के 62 पंचायत में अधिकांश ग्राम पंचायतों में ऐसे कितने निर्माण कार्य है, जिनको पूर्ण हुए वर्षों हो गया है, जिनके कार्यकाल में यह कार्य हुए हैं, वे पद मुक्त भी हो चुके हैं, जिनका आज तक कमिशन नहीं मिलने के कारण मूल्यांकन व सत्यापन नहीं हुआ है।

जिनका खामियाजा पूर्व सरपंच के साथ वर्तमान सरपंच भुगत रहे हैं। सरपंचों ने यह भी कहा बहुत से कार्यों का इंजीनियर द्वारा मूल्यांकन करने के बाद भी एसडीओ चन्द्राकर कमिशन के चक्कर में पूर्ण हुए निर्माण को तोड़वा देते हैं और सरपंचों का आर्थिक नुकसान करने में तुल जाते हैं। सरपंचों ने यह भी कहा की यह देखने की कोशिश किसी स्तर पर नहीं होती है कि पंचायतों में हो रही आर्थिक गड़बड़ियों के लिए कौन-कौन जिमेदार है।

62 ग्राम पंचायतों के सरपंचों को इंतजार है कि जनपद एसडीओ व इंजीनियरों के साथ मनरेगा प्रभारी व सहायक तकनीकी व जनपद के अन्य विभाग के अधिकारियों पर शासन प्रशासन क्या कार्यवाही करता है। उक्त पंचायत का फिनिशिंग वर्क अच्छा नहीं है इसलिए मूल्यांकन रुका है। इसकी पूरी जानकारी इंजीनियर ही दे सकता है।